द फॉलोअप डेस्क
वायु और ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाल ही में हुई एक रिसर्च ने भारत के लिए खतरे की घंटी बजा दी है। दुनिया के 100 सबसे अधिक प्रदूषित शहरों में से 74 शहर सिर्फ भारत में हैं, जो बेहद चिंताजनक है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस प्रदूषण की वजह से खासकर ब्रेन स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ गया है।
स्वीडन के करोलिंस्का इंस्टीट्यूट की एक रिसर्च के अनुसार, हवा में मौजूद बारीक कण (PM 2.4) और ट्रैफिक का शोर हमारे दिमाग पर बहुत बुरा असर डालते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अगर हवा में PM 2.5 कणों की मात्रा प्रति घन मीटर में 5 माइक्रोग्राम बढञ जाए तो स्ट्रोक का खतरा 9% तक बढ़ सकता है। वहीं अगर ट्रैफिक का शोर 11 डेसिबल तक बढ़ जाए, तो यह खतरा 6% तक बढ़ जाता है।
जब ये दोनों समस्याएं एक साथ होती हैं, तो खतरा और ज्यादा हो जाता है। उदाहरण के तौर पर शांत इलाकों में स्ट्रोक का खतरा 6% बढ़ता है, लेकिन अधिक शोर वाले इलाकों में यह खतरा 11% तक पहुंच जाता है। शोध में बताया गया कि भारत में सिर्फ हवा ही नहीं ट्रैफिक का शोर भी एक बड़ी समस्या है। देश के कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसै शहरों में हालात बेहद चिंकाजनक हैं, जबकि इन शहरों की जलवायु और भौगेलिक स्थितियां बेहतर मानी जाती हैं।