द फॉलोअप डेस्कः
संचिता व हरीश ने एक साथ जीने-मरने की कसमें खाई थीं और उसे निभाया भी। दोनों को एक-दूसरे से प्रेम हुआ, फिर शादी कर ली। समय बदला परिस्थितियां विपरीत हुईं तो दोनों ने आत्महत्या कर ली। रविवार की सुबह हरीश के आत्महत्या करने की खबर मिलने के बाद संचिता यह कहकर रोने लगी कि हरीश के बिना नहीं जी पाउंगी। सारनाथ जाने के लिए कार बुक करने के बाद पिता जैसे ही कमरे में गए, दौड़ते हुए संचिता छत पर पहुंची और छलांग लगा दी। पहले दामाद फिर बेटी के आत्महत्या करने से परिवार में कोहराम मच गया।
गोरखपुर के पति-पत्नी के खुदकुशी करने के मामले में अब नया खुलासा हुआ है। दरअसल स्कूल के समय से ही एक दूसरे को पसंद करने वाले हरीश बागेश और संचिता शरण ने दो साल पहले धूमधाम से शादी की थी लेकिन पटना में हरीश के परिवार ने इस शादी को मानने से इनकार कर दिया था। लंबे समय से अपने ससुराल में रह रहा हरीश अपने घर पटना जाने की बात कहकर गोरखपुर से निकला था और पत्नी संचिता उसे छोड़ने के लिए रेलवे स्टेशन भी आई थी। लेकिन अगले दिन हरीश वाराणसी के एक होम स्टे में कमरे में फंदे से लटका मिला।
पटना जाने के लिए घर से निकले हरीश ने पांच जुलाई को ही ऑनलाइन सारनाथ स्थित स्टे होम में तीन दिन के लिए कमरा बुक किया और रात आठ बजे पहुंच गए। दो दिन तक वह कमरे से नहीं निकले। ऑनलाइन खाना मंगाकर खाते थे। वाराणसी पुलिस अब इस सवाल का जवाब तलाश रही है कि वह पटना की जगह सारनाथ क्यों गए। स्टे होम के मालिक उमेश सिंह ने बताया कि हरीश बागेश मार्च में भी उनके यहां दो दिन रुके थे। 14 सौ रुपये में तीन दिन के लिए कमरा बुक किया था। कमरे में एक बेड, कुर्सी की सुविधा थी।
दोनों के खुदकुशी कर लेने के बाद संचिता के पिता और गोरखपुर के चर्चित डॉक्टर राम शरण ने पुलिस को बताया कि पटना में रहने वाले बागेश के माता-पिता ने बेटे की शादी को स्वीकार नहीं किया था। यह जोड़ा इसी साल फरवरी महीने में गोरखपुर लौट गया था। इसके बाद हरीश अपनी पत्नी के साथ अपने ससुराल में ही डॉक्टर शरण के साथ रहते थे। डॉक्टर शरण ने कहा, हरीश ने यहां आने से पहले अपनी नौकरी छोड़ दी थी।
डॉक्टर शरण ने कहा, दंपति ने आखिरी बार शनिवार शाम को बात की थी। डॉक्टर शरण ने बताया कि रविवार सुबह पुलिस ने परिवार को सूचना दी कि बागेश वाराणसी के सारनाथ में एक होटल के कमरे में फंदे से लटका हुआ पाया गया है। इसके बाद डॉक्टर राम शरण वाराणसी जाने की तैयारी करने लगे लेकिन जब संचिता को पता चला कि उसके पति की मौत हो गई तो उसने अपने पिता से कहा कि वह हरीश के बिना नहीं रह सकती और इमारत की दूसरी मंजिल से कूद गई. इससे संचिता की भी मौत हो गई।