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क्लासरूम में नो जूता–चप्पल, सर और मैडम भी नहीं कह सकते; जानें कहां निकला ऐसा हुक्म

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द फॉलोअप डेस्कः
उत्तर प्रदेश के संभल में प्राइमरी स्कूल में टीचर्स और स्टूडेंट्स समेत किसी भी कर्मचारी को चप्पल और जूते पहनकर क्लास में एंट्री करने पर मनाही हो गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी अलका शर्मा ने संभल जिले के सभी प्राथमिक सरकारी स्कूलों के लिए निर्देश जारी किए हैं। संबंधित लेटर सभी आठ खंड शिक्षा अधिकारियों को 10 जुलाई को भेजा गया था। अलका शर्मा ने कहा कि हर स्कूल शिक्षा का मंदिर होता है। चप्पल और जूते पहनकर क्लास में एंट्री करने से धूल अंदर आ जाती है। यह खासतौर पर इसलिए भी क्योंकि कई बच्चे गांवों से आते हैं। उन्होंने कहा कि क्लास को साफ करने के निर्देश जारी किए गए थे।


जिले में करीब 1289 सरकारी स्कूल हैं और इनमें करीब 1.5 लाख स्टूडेंट्स पढ़तें है। टीचर्स और अन्य कर्मचारियों की संख्या 5000 से ज्यादा है। अपने लेटर के जरिये शर्मा ने सभी को भारतीय संस्कृति के मुताबिक महिला टीचर्स को दीदी या बहनजी और पुरुष टीचर्स को गुरुजी कहकर बुलाने का निर्देश दिया है। साथ ही, उन्होंने टीचिंग स्टाफ और इंस्पेक्शन ऑफिसर्स को भी इन्हीं चीजों का इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है। साथ ही, स्कूल परिसर के अंदर नमस्ते और जय हिंद का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा है।


शर्मा ने यह भी निर्देश दिए हैं कि चेकिंग के दौरान कोई भी अधिकारी प्रिसिंपल की कुर्सी पर ना बैठे और सूचना इकट्ठा करते अपना व्यवहार टीचरों के लिए अच्छा रखे। इसके अलावा सभी स्कूल कर्मचारियों को जींस और टी-शर्ट पहनने की बजाय पारंपरिक भारतीय कपड़े पहनने का भी निर्देश दिया। इसके अलावा, टीचर्स और नॉन टीचिंग कर्मचारियों के लिए शर्ट के ऊपरी बटन खुले नहीं छोड़े जाने चाहिए। निर्देश में कहा गया है कि परिसर में तंबाकू उत्पाद और प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। चेकिंग के दौरान ऐसा पाए जाने पर संबंधित शख्स पर जुर्माना लगाया जाएगा और दोबारा ऐसा पाए जाने पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।



बीएसए ने कहा कि इस तरह का आदेश पारित करने का फैसला प्राइमरी स्कूलों में साफ-सफाई बनाए रखने और बच्चों को भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कदम से स्कूल में अच्छा माहौल बनेगा। यह पत्र संभल के जिला मजिस्ट्रेट राजेंद्र पेंसिया के निर्देश के बाद जारी किया गया। इसे 10 जुलाई को बीईओ को भेजा गया था।

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