द फॉलोअप डेस्क
लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों के नाम का ऐलान जारी है। ऐसे में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM भी झारखंड की 6 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। ओवैसी राजमहल, गोड्डा, गिरिडीह, रांची, चतरा और हजारीबाग में अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रहे हैं। बता दें कि AIMIM जिन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी कर रही है, वहां मुस्लिम वोट निर्णायक भूमिका अदा कर सकते हैं। अगर ओवैसी अपना उम्मीदवार उतारते हैं तो विपक्ष का समीकरण बिगड़ सकता है। हालांकि इसे लेकर पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
डुमरी इलेक्शन में झारखंड के लोगों ने उनको सबक सिखा दिया
AIMIM को बीजेपी की बी टीम बताते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा ने तंज किया है। पार्टी के तर्जुमान मनोज पांडे ने कहा कि झारखंड में वह पार्टी कुछ है ही नहीं, डुमरी इलेक्शन में झारखंड के लोगों ने उनको सबक सिखा दिया। इलेक्टोरल बॉन्ड के चंदे की रकम के जरिए ऐसी पार्टियों को घोषित किया जाता है ताकि बीजेपी को सियासी मदद मिल सके। वहीं बीजेपी एमएलए बिरंचि नारायण ने कहा कि, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन जहर उगलती है ,वह हमारी बी टीम नहीं हो सकती और रही बात चुनाव लड़ने की तो ये सब का संवैधानिक अधिकार है। इसकी इजाजत तमाम सियासी पार्टियों को है।
विधानसभा चुनाव में वोट कटवा साबित हुई थी AIMIM
बता दें कि 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड में ओवैसी की पार्टी ने 11 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे लेकिन उसे नोटा के बराबर भी वोट नहीं मिले थे। एआईएमआईएम को केवल 1.16 प्रतिशत वोट ही मिल पाए थे। पार्टी की रैलियों में तो बहुत भीड़ उमड़ी थी लेकिन इस भीड़ ने उसके पक्ष में वोट नहीं डाला। इस पार्टी के विधायक तो चुनकर विधानसभा नहीं पहुंचे लेकिन उन्होंने विजेता और दूसरे स्थान पर रहे प्रत्याशी के वोट जरूर काटे।
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