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अमृत काल के आरंभिक चरण में है देश : कर्पूरी ठाकुर और रामलला का जिक्र कर और क्या बोलीं राष्ट्रपति

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क:

75वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने देश को संबोधित किया। राष्ट्रपति ने देशवासियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि कल पूरा  देश संविधान का उत्सव मनाएगा। राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा और कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा का जिक्र किया। राष्ट्रपति ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना हम भारत के लोग से शुरू होती है जो संविधान की मूल भावना है। राष्ट्रपति ने कहा कि अभी देश अमृत काल के प्रारंभिक दौर से गुजर रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रौद्योगिकी विशेषज्ञ, वैज्ञानिक और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोग ऊंचे लक्ष्य हासिल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम क्रांतिकारी पहल है।

नारी शक्ति वंदन अधिनियम का जिक्र किया
राष्ट्रपति ने कहा कि नारी शक्ति वंदन अधिनियम देश में महिला सशक्तिकरण की दिशा में क्रांतिकारी कदम साबित होगा। उन्होंने कहा कि इससे देश में शासन प्रक्रिया और बेहतर बनेगी। राष्ट्रपति ने कहा कि भारत की लोकतांत्रिक प्रणाली पश्चिमी लोकतंत्र की अवधारणा से काफी पुरानी है। हमारे देश को ही लोकतंत्र की जननी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि यह परिवर्तन का समय है जिसने देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सुनहरा अवसर प्रदान किया है।

राष्ट्रपति ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर क्या कहा
राष्ट्रपति ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा हुई। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के गर्भगृह में रामलला विराजमान हुए। उन्होंने कहा कि यह उचित न्याय प्रक्रिया और देश की सर्वोच्च अदालत के फैसले से संभव हुआ है। उन्होंने कहा कि भव्य इमारत न केवल देश की शोभा बढ़ाती है बल्कि विश्वास और अभिव्यक्ति के साथ-साथ न्याय प्रक्रिया में भी लोगों का भरोसा बढ़ाती है।

परंपरा के तहत देश को संबोधित करते हैं राष्ट्रपति
गौरतलब है कि पंरपरा के मुताबिक राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हैं। इसमें देशवासियों के नाम संदेश होता है। देश की उपलब्धियों का जिक्र होता है। राष्ट्रपति अपने संबोधन में देश की एकता, अखंडता, विविधता और सांस्कृतिक-सामाजिक समरूपता की बात कहते हैं। विज्ञान, तकनीक, कृषि, प्रशासन, सेना और सांस्कृतिक क्षेत्र में उपलब्धियों का जिक्र करते हैं।