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40 करोड़ की संपत्ति, 4 महंगी कार और 110 एकड़ भूमि; फिर भी IAS पूजा खेडकर का नॉन क्रीमी लेयर श्रेणी में हुआ चयन

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क:

लोग आईएएस क्यों बनते हैं। समाज और देश की सेवा के लिए। यही न। मतलब कहते तो यही हैं परीक्षा पास करने के बाद मीडिया को दिये इंटरव्यू में लेकिन, क्या इससे इत्तेफाक रखा जा सकता है। आप 2021 बैच की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर की कहानी सुनेंगे तो सोचने पर मजबूर होंगे। क्या वाकई में अधिकारी समाज सेवा की चाह रखते हैं या उनकी दिलचस्पी खुद की सेवा करवाने में ज्यादा रहती है। पूजा खेडकर। ये आईएएस अधिकारी इस समय खूब सुर्खियों में है। क्यों। आपको सिलसिलेवार ढंग से बताते हैं। शुरुआत, सबसे ताजा मामले से करते हैं। 

यूपीएससी परीक्षा में खुद को ओबीसी-2 बताया
2021 बैच की महाराष्ट्र कैडर की आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर ने यूपीएससी परीक्षा में खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर बताया। माने कि गरीब। उनका सेलेक्शन भी इसी कैटेगरी में हो गया लेकिन, अब जो बताऊंगा आप जानकर हैरान रह जायेंगे। दरअसल, पूजा खेडकर के पिता ने जो चुनावी हलफनामा दाखिल किया, उससे पता चला कि इनके पास 40 करोड़ रुपये की संपत्ति है। संपत्ति में क्या-क्या है। सुनिए। पूजा खेडकर के पिता के पास 110 एकड़ कृषि भूमि है। आपको पता नहीं होगा लेकिन जान लीजिए। ये कृषि भूमि सीमा अधिनियम का खुला उल्लंघन है। चलिए आगे बढ़ते हैं। पूजा खेडकर के पिता की 6 दुकानें है। 7 फ्लैट हैं। 900 ग्राम सोना है। हीरा भी है। 17 लाख की सोने की घड़ी पहनते हैं। ऑडी सहित 4 महंगी गाड़ियां है। हमने यहां ऑडी का खास जिक्र किया। क्यों, ये आपको आगे पता चलेगा।
 दरअसल, पूजा खेडकर की कहानी में इस ऑडी का अहम किरदार है।

खैर, ये तो हो गई पिता की संपत्ति। खुद, नॉन क्रीमी लेयर ओबीसी कैंडिडेट आईएएस पूजा खेडकर के पास 17 करोड़ रुपये की संपत्ति है। हालांकि, अभी पता नही है कि ये संपत्ति उनके आईएएस बनने से पहले थी या बाद में आई। अगर बाद में आई तो फिर पूजा जी और भी बुरी फसेंगी। ये तो हो गई संपत्ति की बात। 

आईएएस पूजा खेडकर की मेडिकल रिपोर्ट संदिग्ध
आईएएस पूजा खेडकर ने गड़बड़ियों का पूरा किला ही खड़ा कर रखा है। दरअसल, पूजा ने यूपीएससी परीक्षा में खुद को दृष्टिबाधित और मानसिक रूप से दिव्यांग बताया है। अब दावा है कि पूजा खेडकर का ये दावा भी निरा झूठा है। दावा है कि पूजा खेडकर ने 6 जरूरी मेडिकल टेस्ट स्किप कर दिये। अब जानिए कि, ये सारा मामला खुला कैसे। कैसे आईएएस पूजा खेडकर सुर्खियों में आ गई। 

डिप्टी कलेक्टर का चैंबर जबरन खाली करा दिया था
दरअसल, पूजा खेडकर को सबकुछ जल्दी चाहिए था। वो अभी प्रोबेशन पर हैं। माने ट्रेनी अधिकारी हैं। पुणे जिला कलेक्टर कार्यालय में तैनाती थी। पूजा ने मांग रखी थी कि उसे अलग से सरकारी आवास, आधिकारिक कार, अतिरिक्त कर्मचारी और ऑफिस चाहिए। विभाग ने बताया कि ये प्रोबेशन अधिकारी को नहीं मिलता है। लेकिन, पूजा जी तो पूजा जी हैं। आईएएस अधिकारी बनी ही हैं रसूख की खातिर। ऐसे कैसे मान जातीं। सो उन्होंने पुणे के एडिशनल जिला कलेक्टर का चैंबर हथिया लिया। सुनकर अजीब लगेगा लेकिन सच है। पूजा खेडकर ने एडिशनल जिला कलेक्टर के चैंबर से उनका सारा सामना निकलवा दिया। नेम प्लेट उखड़वा दिया। अंदर अपना सामान डालकर, दरवाजे पर नेमप्लेट भी लगा दिया। लेकिन ये तो पराकाष्ठा थी। 

पुणे के जिला कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने इस बात की शिकायत राज्य के मुख्य सचिव से कर दी। मुख्य सचिव ने इसे सरकारी पद का दुरुपयोग माना और पूजा खेडकर का तबादला वाशिम में कर दिया। पूजा खेडकर अभी यहां असिस्टेंट एडिशनल कलेक्टर हैं। हालांकि, मामला तबादले भर पर नहीं रूका। इतनी चर्चित आईएएस के बारे में खोजबीन तो होनी थी। हुई तो ऐसे-ऐसे राज बाहर आये कि, आप दांतों तले उंगली दबा देंगे। पूजा खेडकर केस ने यूपीएससी की साख पर भी सवाल खड़ा कर दिया है। 

लेकिन, पूजा खेडकर ने इतनी हिमाकत की कैसे। अधिकारियों के सनकीपने की कई कहानियां पहले भी आई हैं लेकिन ये तो टू मच था। दरअसल, पूजा खेडकर के पिता भी प्रशासनिक अधिकारी रहे हैं। दादा भी अधिकारी थे। पिता आजकल राजनीति में हैं। करोड़पति हैं यो तो आपको बता चुका हूं। मां, अहमदनगर जिले के भालगांव की सरपंच है। तो आप पूछेंगे, असली ताकत कहां है, तो ये यहां है। 

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