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महाराष्ट्र : शिंदे की राह में रोड़ा अटकाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची शिवसेना, अदालत ने तत्काल सुनवाई से किया इनकार

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डेस्क:
महाराष्ट्र का सियासी संकट उद्धव ठाकरे के इस्तीफे के बाद भी पूरी तरह सुलझता नहीं दिखाई दे रहा है। प्रदेश में  सियासी व कानूनी दांव-पेच का सिलसिला जारी है। उद्धव ठाकरे गुट ने सुनील प्रभु के नेतृत्व में सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हुए एकनाथ शिंदे सहित 16 विधायकों को उनकी अयोग्यता की कार्यवाही तय होने तक विधानसभा से निलंबित करने की मांग की। हालांकि, कोर्ट ने मामले की तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया। प्रभु ने अर्जी में सभी 16 विधायकों को विधानसभा में प्रवेश करने से रोकने का निर्देश देने की भी गुहार  लगाई है। 


सुप्रीम कोर्ट का जल्द सुनवाई से इनकार 
महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र 2 व 3 जुलाई को होगा और सुप्रीम कोर्ट ने नई अर्जी पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया है, इसलिए शिंदे को फिलहाल बड़ी राहत मिल गई है। शिवसेना की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट के समक्ष आज याचिका का उल्लेख करते हुए जल्द सुनवाई करने की मांग की। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट ने जल्द सुनवाई से इनकार करते हुए कहा कि वह 11 जुलाई को याचिका पर विचार करने के लिए तैयार है। 


शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट ने भी सुप्रीम कोर्ट में लगाई है अर्जी 
विधानसभा के डिप्टी स्पीकर द्वारा दिए गए अयोग्यता के नोटिस को शिंदे के नेतृत्व वाले बागी गुट ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस पर कोर्ट ने संबंधित पक्षों को नोटिस जारी कर 11 जुलाई को आगे की सुनवाई तय की है। विधायकों की अयोग्यता पर अभी कोई फैसला नहीं आया है, इसलिए उनकी विधायकी बरकरार है।महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री शिंदे ने गुरुवार रात में कैबिनेट की पहली बैठक की और 2 और 3 जुलाई को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का फैसला लिया है। इस दौरान शिंदे विश्वास मत हासिल कर सकते हैं।इसी बात को ध्यान में रखते हुए ठाकरे गुट ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाई है ।