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सियासी संकट : शिवसेना ने एकनाथ शिंदे को विधायक दल के पद से हटाया, संजय राउत ने दिया बड़ा बयान

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डेस्क: 

शिवसेना ने बागी हो चुके एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटा दिया है। मंगलवार को शिवसेना नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल से मुलाकात की और उनको एक पत्र सौंपा। इसमें एकनाथ शिंदे को विधायक दल के नेता के पद से हटाने और अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल का नेता बनाने की मांग की गई थी। एकनाथ शिंदे को साल 2014 में शिवसेना विधायक दल का नेता बनाया गया था, जब बीजेपी गठबंधन में शामिल थी।

 

एमएलसी चुनाव में हुई थी क्रॉस वोटिंग! 
दरअसल, मंगलवार को महाराष्ट्र एमएलसी चुनाव में संदिग्ध रूप से क्रॉस वोटिंग हुई थी। इसके बाद एकनाथ शिंदे कई अन्य विधायकों के साथ गायब हैं। सूचना मिले कि वे सभी सूरत के एक होटल में हैं। संजय राउत ने इस बात की पुष्टि की। कहा कि शिवसेना के कुछ विधायक एकनाथ शिंदे के साथ अभी नॉट रिचेबल हैं। उन्होने कहा कि महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी गठबंधन को अस्थिर करने का प्रयास किया जा है लेकिन बीजेपी को याद रखना चाहिए कि महाराष्ट्र राजस्थान और मध्य प्रदेश से अलग है। 

पुणे इलाके में है एकनाथ शिंदे का दबदबा
कहा जाता है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना में काफी प्रभावशाली नेता माने जाते हैं और पुणे में संगठन को धार देने में उनकी अहम भूमिका रही है। बीते विधानसभा चुनाव के बाद महाविकास अघाड़ी सरकार में वे कैबिनेट मंत्री भी बनाये गये। कहा जाता है कि एकनाथ शिंदे महाविकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बनने के बाद से ही खुद को दरकिनार किए जाने जैसा महसूस कर रहे थे। एकनाथ शिंदे के बेटे श्रीकांत शिंदे मौजूदा समय में कल्याण लोकसभा सीट से सांसद हैं।

क्या मुश्किल में है महाविकास अघाड़ी
वहीं महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकातं पाटिल ने कहा कि गठबंधन में ये मुश्किल संजय राउत की वजह से आई है। वहीं शिंदे को पार्टी से निष्कासित किए जाने के सवाल पर चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि ना तो शिेंदे ने बीजेपी को सरकार नाने का प्रस्ताव दिया है और ना ही बीजेपी ने ही ऐसा प्रस्ताव दिया है, उन्होंने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। हम फिलहाल इंतजार कर रहे हैं और मौजूदा हालात पर निगाह रख रहे हैं। कांग्रेस पार्टी भी मामले को लेकर बैठक कर रही है।