द फॉलोअप डेस्क
यूपी की आदित्यनाथ योगी (Adityanath Yogi) सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। नोटिस समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी मौर्य प्रसाद (Swami Prasad Maurya) की याचिका पर सुनवाई के बाद जारी की गयी है। मौर्य ने रामचरित मानस पर एक विवादित टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट में रिट दायर किया है। इस मामले में आपाराधिक मुकदमा प्रदेश के प्रतापगढ़ पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। कोर्ट ने योगी सरकार को इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने को कहा है। बता दें कि स्वामी ने इस केस को खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की निचली अदालत में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी है।
प्राण प्रतिष्ठा पर उठाये सवाल
बता दें कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने राम मंदिर (Ram mandir) में हुई प्राण प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठाये हैं। मौर्य ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा कर देने से अगर पत्थर सजीव उठता है, ये अगर सही होता तो मुर्दा में भी प्राण प्रतिष्ठा की जाती और वो चलने लगता। कहा कि प्राण प्रतिष्ठा ढोंग और आडंबर के सिवा कुछ नहीं हैं। जनता को ये बात समझ लेनी चाहिये। स्वामी ने आगे कहा कि वैसे भी जो खुद भगवान है, सर्वशक्तिमान है, सबका कल्याण करने वाला है, तो हमारी क्या हैसियत है कि हम उसके अंदर प्राण प्रतिष्ठा करें। अयोध्या में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह को उन्होंने बीजेपी और आरएसएस का राजनीतिक कार्यक्रम बताया।
क्या कहा स्वामी ने
स्वामी ने ये भी कहा कि राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू को भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण भेजा गया था। चारों शंकराचार्य को भी निमंत्रण दिया गया। लेकिन इनमें से किसी ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शिरकत नहीं की। कहा कि इन बातों के क्या मायने निकले हैँ। बता दें कि स्वामी मौर्य गाजीपुर के लंका मैदान में कर्पूरी सेना की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि आज देश में संवैधानिक संकट है। कहा कि जो लोग केंद्र सरकार के विरोध में हैं, उनको ईडी जैसी जांच एजेंसियों से डराया-धमकाया जा रहा है।