द फॉलोअप डेस्क
भाजपा और ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के बीच संबंध सामान्य नहीं हैं। इसका संकेत AIADMK नेता डी जयकुमार के इस बयान से मिलता है, जिसमें उन्हेंने कहा है कि भाजपा से हमारा कोई गठबंधन नहीं है। इस पर चुनाव के बाद निर्णय होगा। बता दें कि जयकुमार ने तमिलनाडु के भाजपा प्रमुख के अन्नामलाई को उनके बयानों के कारण निशाना बनाया है। कुछ दिन पहले अन्नामलाई ने AIADMK के पूर्व मुख्यमंत्रियों सीएन अन्नादुरई और जयललिता की आलोचना की थी। जयकुमार ने आगे कहा है कि हमारे कार्यकर्ता इस बात को कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे कि कोई हमारे पूर्व मुख्यमंत्रियों के बारे में कुछ भी अनर्ल कहे। अन्नामलाई और भाजपा कार्यकर्ता, AIADMK से गठबंधन नहीं चाहते। तो हम भी आपके साथ क्यों चलें? तमिलनाडु में भाजपा को लोग हमारी वजह से जानते हैं। ये पूछे जाने पर ये आपका निजी निर्णय हो सकता है, जयकुमार ने कहा, मैं जो भी बात कहता हूं, उसका फैसला पार्टी ही करती है।
भाजपा और AIADMK में दरार के क्या हैं कारण
1. AIADMK और भाजपा के बीच इस साल जून में ही दूरी बढ़ना शुरू हो गया था। जब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने एक साक्षात्कार में कहा कि तमिलनाडु सबसे भ्रष्ट राज्यों में से एक है, जहां पूर्व मुख्यमंत्री तक को आरोपी बनाया गया है। उनका इशारा तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता पर था।
2. 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद से AIADMK भाजपा के साथ गठबंधन के बाद भी राज्य में तीन चुनाव हार चुकी है। जानकारों के अनुसार AIADMK अब भाजपा को बोझ मानने लगी है। पिछले साल पलानीस्वामी ने प्रेस को कहा था कि उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने की जरूरत नहीं है। उस वक्त शाह निजी दौरे पर तमिलनाडु में मौजूद थे।
3. तमिलनाडु में बीजेपी खुद को प्रमुख विपक्ष के रूप में प्रोजेक्ट कर रही है। बता दें कि तमिलनाडु विधानसभा में भाजपा के सिर्फ चार विधायक हैं। लेकिन जब AIADMK में ई पलानीसामी और ओ पन्नीरसेल्वम के बीच विवाद गहराया तो भाजपा ने राज्य में खुद को प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी के रूप में प्रोजेक्ट करना शुरू कर दिया था। दोनों दलों के बीच इसी के बाद से दूरी बढ़नी शुरू हो गयी।
4. इसी साल मार्च में भाजपा के पांच नेता AIADMK में चले गये। इन नेताओं में पार्टी के प्रदेश आईटी विंग के प्रमुख सीआरटी निर्मल कुमार भी हैं। निर्मल कुमार ने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई पर आरोप लगाया है कि उनकी डीएमके की एक मंत्री के साथ मिलीभगत है। इसके बाद निर्मल के अलावा 13 और नेता भी AIADMK में चले गए। इससे पहले AIADMK के बड़े नेता और पूर्व मंत्री नैनार नागेंद्रन भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं।