द फॉलोअप डेस्क
अमेरिका की शॉर्ट सेलर रिसर्च कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च, जिसने अडानी ग्रुप पर अपनी रिपोर्ट से हलचल मचाई थी, अब बंद हो रही है। इस बात की घोषणा कंपनी के संस्थापक नेट एंडरसन ने की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि कंपनी का उद्देश्य पूरा हो चुका है। नेट एंडरसन ने कहा, "हमने जिन पोंजी मामलों पर काम किया था, उन्हें पूरा कर लिया है। उन सभी मामलों की जानकारी संबंधित नियामकों को साझा कर दी गई है। आज वह दिन है, जब हिंडनबर्ग रिसर्च का सफर खत्म हो रहा है।"
A Personal Note From Our Founderhttps://t.co/OOMtimC0gV
— Hindenburg Research (@HindenburgRes) January 15, 2025
संस्थापक ने साझा की अपनी यात्रा
अपनी घोषणा में एंडरसन ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च उनके जीवन का सपना था। उन्होंने शुरुआती दिनों की कठिनाइयों का जिक्र करते हुए कहा कि पैसे की कमी और व्यक्तिगत संघर्षों के बावजूद उन्होंने अपने सपने को साकार किया। उन्होंने लिखा, "शुरुआत में खुद पर संदेह था, लेकिन मैंने अपने डर और असुरक्षाओं को पार किया। यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है।"
11 सदस्यीय टीम ने रचा इतिहास
एंडरसन ने अपनी 11 सदस्यीय टीम की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि यह टीम अत्यधिक प्रतिभाशाली और मेहनती थी। टीम ने सच्चाई और पारदर्शिता के लिए काम करते हुए लगभग 100 लोगों पर गंभीर आरोप लगाये, जिनमें कई अरबपति भी शामिल हैं।
अगले 6 महीने सेल्फ-रिफ्लेक्शन पर बिताएंगे
नेट एंडरसन ने अपने भविष्य की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वह अगले छह महीने सेल्फ-रिफ्लेक्शन पर काम करेंगे। उन्होंने कहा, "यह मेरे जीवन का एक अध्याय था। अब मैं अपने अनुभवों को और गहराई से समझकर उन्हें दूसरों के साथ साझा करना चाहता हूं।"
दुनिया को हिला देने वाली रिपोर्ट
गौरतलब है कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडानी ग्रुप को बड़े वित्तीय झटके दिए थे। रिपोर्ट के कारण न केवल शेयर बाजार में उथल-पुथल मची, बल्कि निवेशकों को भी बड़ा नुकसान हुआ। हिंडनबर्ग रिसर्च का यह सफर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के खिलाफ लड़ाई का प्रतीक बन गया। कंपनी के बंद होने के साथ ही इसका प्रभाव और इसकी कहानी लंबे समय तक याद रखी जाएगी।