द फॉलोअप डेस्क
मणिपुर (Manipur) एक बार फिर से हिंसा की जद में है। जारी हिंसा के बीच राज्य के CM बीरेन सिंह (CM Biren Singh) ने माना कि उग्रवादी अब सुरक्षा बल के जवानों को निशाना बना रहे हैं। दोनों के बीच हिंसक झड़प हुई है। हालांकि कल यानी रविवार रात से जारी हिंसा में किसी ओऱ से जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है। CM बीरेन सिंह ने मीडिया को बताया है कि राज्य में जारी दो समुदायों के बीच जारी हिंसा अब उग्रवादियों और सुरक्षा बलों के बीच सिमट कर रह गयी है। दावा किया है कि अधिकांश इलाकों में शांति कायम है। साथ ही उन्होंने माना कि उग्रवादियों ने अब उग्र हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया है। पहले उनका विरोध सिर्फ धरना-प्रदर्शन औऱ जुलूस तक सीमित था।
क्या दी CM बीरेन ने सफाई
CM बीरेन सिंह ने मीडिया के समक्ष कहा कि पिछले आठ महीने से राज्य में हिंसा जारी है। लेकिन आठ महीनों में तीन-चार महीने शांतिमय तरीके से गुजरे हैं। कहा कि दो समुदायों के बीच जारी हिंसा का स्वरूप अब बदल गया है। एक समुदाय के लोग अब हिंसक तरीके से पेश आ रहे हैं। उन्होंने बातचीत का रास्ता बदल कर हिंसा का सहारा लेना शुरू कर दिया है। ये समूह हथियार उठाकर अब शांति व्यवस्था कायम करने में लगे सुरक्षा बलों को अपना निशाना बना रहे हैं। हालांकि सरकार ने इस स्थिति को बहुत हद तक नियंत्रण में कर लिया है। लेकिन फिर भी उग्रवादी मौका देखकर हिंसक घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। कहा कि सरकार ने उनसे हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की है।
2 जनवरी को भी भड़की थी हिंसा
बाते दें कि मणिपुर (Manipur) में 2 जनवरी को एक उग्रवादी हमले में 4 लोगों के मारे जाने की खबर आयी थी। इसके बाद 5 जिलों हालात बिगड़ने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया। ये पांच जिले हैं थौबल, इंफाल पूर्व और इंफाल पश्चिम, काकचिंग और बिष्णुपुर। गौरतलब है कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में मोरेह में उग्रवादियों के साथ गोलीबारी में 4 सुरक्षाकर्मी जख्मी हो गये थे। 2 जनवरी की हिंसा में सुरक्षा बल के सात जवान घायल हो गये। इनमें से चार पुलिस कमांडो और तीन बीएसएफ के जवान हैं। पुलिस अधिकारियों ने माना है कि सभी घायलों की हालत गंभीर है। उग्रवादियों की गोली का शिकार होने के बाद घायलों को समय पर अस्पताल नहीं पहुंचाया जा सका।