द फॉलोअप डेस्क
पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों के दौरान फैली हिंसा के चलते पुलिस ने 110 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों के अनुसार, शुक्रवार को शुरू हुए इन प्रदर्शनों के दौरान कई स्थानों पर सड़क जाम किए गए, पुलिस पर पथराव हुआ और वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। हिंसा की शुरुआत मुर्शिदाबाद जिले के सूती और शमशेरगंज क्षेत्रों में हुई, जहां से क्रमशः लगभग 70 और 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हालात तब बिगड़े जब निषेधाज्ञा (धारा 144) के बावजूद बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस वाहनों और सार्वजनिक बसों में आगजनी की, सुरक्षा बलों पर पत्थर फेंके और रेल तथा सड़क यातायात को बाधित किया।
यह अशांति केवल मुर्शिदाबाद तक सीमित नहीं रही, बल्कि मालदा, साउथ 24 परगना और हुगली जैसे अन्य जिलों तक भी फैल गई। पुलिस के अनुसार, इस हिंसा में कम से कम 10 सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। राज्य के संवेदनशील इलाकों में फिलहाल गश्त बढ़ा दी गई है और लगातार छापेमारी की जा रही है। सीसीटीवी फुटेज की मदद से बाकी आरोपियों की पहचान की जा रही है।
वक्फ कानून में संशोधन पर विवाद
प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि नया संशोधन मुस्लिम समुदाय की धार्मिक और सामाजिक संपत्तियों के अधिकारों को प्रभावित करता है। वहीं, सरकार का तर्क है कि इस कानून में बदलाव पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किए गए हैं।
अब तक राज्य सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन प्रशासन ने आमजन से शांति बनाए रखने की अपील की है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "सूती और शमशेरगंज इलाकों में लगातार निगरानी रखी जा रही है। किसी भी समूह को सार्वजनिक स्थानों पर एकत्र होने की अनुमति नहीं दी जा रही।" अधिकारियों ने अफवाहों से बचने और सोशल मीडिया पर असत्यापित जानकारी न फैलाने की चेतावनी भी दी है। बताया जा रहा है कि सूती में हुई झड़प के दौरान पुलिस की कथित गोलीबारी में घायल एक नाबालिग को कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। गौरतलब है कि जिन जिलों में हिंसा फैली, वहाँ मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या अपेक्षाकृत अधिक है, जिससे स्थिति की संवेदनशीलता और बढ़ गई है।