द फॉलोअप डेस्क
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यानी EVM से वोटिंग के बाद निकलने वाली हर वीवीपैट स्लिप का मिलान करना संभव नहीं है। इससे जुड़ी याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने आज की बहस में खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की एक टॉप लेवल बेंच ने ये अहम फैसला सुनाया है। बता दें कि EVM से वीवीपैट पर्ची के मिलान को लेकर पिछले कई दिनों से चर्चा हो रही है। कुछ संस्थाओं और राजनीतिक दलों ने EVM को भरोसेमंद नहीं बताया है। इसलिए EVM से पर्ची के मिलान की मांग की गयी थी। इधर, चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सुनवाई के दौरान बताया कि अगर सभी वीवीपेट पर्चियों का मिलान EVM से कराया जाये तो परिणाम आने में कम से कम 12 दिन का अतिरिक्त समय लग सकता है।
नहीं हो सकता ईवीएम हैक
सुनवाई के दौरान भारतीय चुनाव आयोग के अफसरों ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि EVM की तकनीक ऐसी है कि इसे हैक नहीं किया जा सकता है। कुछ राजनीतिक दल EVM हैंकिंग क मुद्दा लगभग हर चुनाव में उठाते रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान आयोग से पूछा था कि EVM के हैक होने के चांस कितने प्रतिशत हैं। इस पर आयोग ने कहा, EVM की तकनीक हैक प्रूफ है। इसे किसी भी सॉफ्टवेयर की मदद से हैक नहीं किया जा सकता है।
5 फिसदी पर्ची का मिलान हो सकेगा
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने दो और अहम फैसले आज सुनाये। कहा कि चुनाव परिणाम में तीसरे या दूसरे नंबर पर रहने वाला कोई प्रत्याशी ईवीएम की जांच के लिए आवेदन कर सकता है। लेकिन उसके क्षेत्र में इस्तेमाल किये गये पांच फीसद ईवीएम की ही जांच करायी जायेगी। साथ ही, इसका खर्च भी प्रत्याशी को ही वहन करना होगा। कोर्ट ने चुनाव आयोग को ये आदेश भी दिया कि चुनाव के बाद वीवीपैट पर्ची को डेढ़ महीने तक सुरक्षित रखें। जिससे विवाद होने पर इसका मिलान ईवीएम से कराया जा सके।
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