द फॉलोअप डेस्क,नेशनल
उत्तरप्रदेश के हाथरस में सत्संग के दौरान भगदड़ मचने से अबतक 122 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 150 से अधिक लोग घायल हैं। यह आंकड़ा अभी बढ़ भी सकता है। मिली जानकारी के अनुसार सत्संग खत्म होने के बाद बाहर निकलने के दौरान भगदड़ मची, जिसमें बड़ी संख्या में लोग दब गए। भोले बाबा के सत्संग में ये हादसा हुआ है। बता दें कि भोले बाबा का असली नाम नारायण साकार हरि है।
कौन हैं नारायण साकार हरि
नारायण साकार हरि एटा जिले की पटयाली तहसील के गांव बहादुर नगरी के रहने वाले हैं। उन्होंने 26 साल पहले सरकारी नौकरी छोड़कर प्रवचन शुरू किया था। उन्होंने अपने प्रवचन में बताया था कि वे गुप्तचर ब्यूरो में नौकरी करते थे। साकार विश्व हरि भोले बाबा के अनुयायी पश्चिम उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और उत्तराखंड में ज्यादा हैं। नारायण साकार हरि की शुरुआती पढ़ाई एटा से ही हुई है। जिसके बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो की नौकरी लगी। काफी समय तक नौकरी करते रहे, इसके बाद 1990 में उन्होंने नौकरी से इस्तीफा देकर आध्यात्म का रास्ता अपनाया।
सफेद सूट, टाई और जूता पहनते हैं नारायण साकार हरि
आध्यात्मिक जीवन में आने के बाद अपना नाम बदल लिया और साकार विश्वहरि रख लिया। उनकी पत्नी भी समागम में साथ रहती हैं। नारायण साकार किसी अन्य बाबा की तरह भगवा पोशाक नहीं पहनते। वह अपने सत्संग में सफेद सूट, टाई और जूते में नजर आते हैं। कई बार कुर्ता-पजामा और सिर पर सफेद टोपी भी लगाकर सत्संग करने पहुंचते हैं।
किसे मानते हैं, क्या विचारधारा?
नारायण साकार हरि, खुद को हरि का शिष्य कहते हैं। अक्सर अपने प्रवचन में कहते हैं कि साकार हरि पूरे ब्रहमांड के मालिक हैं। यहां तक कि ब्रहमा, विष्णु और शंकर ने भी साकार हरि को ही गुरू माना है।