द फॉलोअप नेशनल डेस्क
सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की है। इस दौरान कोर्ट ने बुलडोजर से घरों को गिराने पर गंभीर सवाल उठाए हैं। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ आरोपी होने के आधार पर किसी के घर को गिराना उचित नहीं है। अदालत ने शासन और प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कोई व्यक्ति दोषी भी है, तो भी उसके घर को गिराया नहीं जा सकता। कोर्ट के दौरान बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ आदेश जारी किये है। इसके आधार पर आरोप के आधार पर बुलडोजर चलाना गलत है। लड़के की गलती पर पिता का घर गिराना गलत है। किसी दोषी का भी घर गिराना गलत है। कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में हम आने वाले दिनों में दिशा-निर्देश तय करेंगे। एक ही दिशा-निर्देश पूरे देश में लागू होंगे। कोर्ट ने कहा कि दोषी होने पर भी घर को नहीं तोड़ा जा सकता है।
कोर्ट ने अपना पक्ष साफ करते हुए कहा कि हम किसी अवैध निर्माण के पक्ष में नहीं हैं। मामले की अगली सुनवाई के लिए 17 सितंबर की तारीख तय की गयी है। गौरतलब है कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद ने बुलडोजर के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा, ''अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है।"