नयी दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को हरियाणा सरकार और बेंगलुरु के टेक्नोलॉजी विशेषज्ञ अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया से हलफनामे मांगे हैं। अतुल सुभाष ने पिछले साल कथित तौर पर पत्नी और उसके परिवार द्वारा उत्पीड़न के आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। कोर्ट ने बच्चे की देखरेख को लेकर रिपोर्ट मांगी है, जो वर्तमान में हरियाणा के एक बोर्डिंग स्कूल में रह रहा है।
सुभाष की मां अनुज देवी ने अपने पोते की कस्टडी के लिए याचिका दायर की थी। इस पर जस्टिस बी. वी. नागरत्ना ने कहा, "आप इस बच्चे के लिए लगभग अजनबी हैं।" कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि उनके कहने का मतलब यह था कि उनके बीच कोई घनिष्ठता नहीं है।
सुनवाई के दौरान, सिंघानिया के वकील ने बताया कि बच्चा बोर्डिंग स्कूल में है और जल्द ही बेंगलुरु स्थानांतरित किया जाएगा क्योंकि मां को जमानत की शर्तों के तहत बेंगलुरु में रहना है।
अनुज देवी के वकील ने दलील दी कि इतनी छोटी उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में नहीं रखा जाना चाहिए और उन्होंने कोर्ट से बच्चे की कस्टडी देने की मांग की।
जब बेंच, जिसमें जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा भी शामिल थे, ने पूछा कि अनुज देवी ने आखिरी बार बच्चे से कब मुलाकात की थी, तो उनके वकील ने दो साल पहले दोनों की बातचीत की तस्वीरें पेश करने की बात कही।
कोर्ट ने कहा कि बच्चे को माता-पिता के साथ रहना चाहिए। इस पर वकील ने सवाल किया कि अगर एक व्यक्ति को दूसरे की मृत्यु के लिए दोषी ठहराया गया तो क्या होगा?
इस पर बेंच ने स्पष्ट किया कि निकिता सिंघानिया को अब तक दोषी नहीं ठहराया गया है और मीडिया ट्रायल के आधार पर कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता। मामले की अगली सुनवाई 20 जनवरी को होगी।
क्या है पूरा मामला
अतुल सुभाष, जो बेंगलुरु के मुन्नेकोल्लाल क्षेत्र में रहते थे और उत्तर प्रदेश के मूल निवासी थे, ने 2019 में निकिता सिंघानिया से शादी की थी। हालांकि बाद में वे अलग हो गए थे।
सुभाष 9 दिसंबर को अपने अपार्टमेंट में मृत पाए गए। उन्होंने 24 पन्नों का सुसाइड नोट और 81 मिनट का वीडियो छोड़कर सिंघानिया और उनके परिवार पर उत्पीड़न के आरोप लगाए थे।
उनके खिलाफ हत्या के प्रयास, दहेज उत्पीड़न सहित नौ मामले दर्ज थे, जिनमें उनके माता-पिता को भी आरोपी बनाया गया था।
सुभाष की मौत के बाद उनके भाई बिकास कुमार ने उसी दिन निकिता सिंघानिया, उनकी मां निशा सिंघानिया, भाई अनुराग सिंघानिया और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया।
इन पर 3 करोड़ रुपये की मांग और बेटे से मिलने के अधिकार के लिए 30 लाख रुपये की मांग करने का आरोप है।
निकिता सिंघानिया को गुड़गांव से और उनकी मां व भाई को प्रयागराज से 15 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। बेंगलुरु की सिविल और सेशंस कोर्ट ने 4 जनवरी को उन्हें जमानत दे दी।