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एनआइए ने कोर्ट को बताया, आरोपियों के खिलाफ टेरर फंडिंग के ठोस सबूत, 26 नवंबर को फिर होगी सुनवाई

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द फॉलोअप टीम, रांची:
झारखंड हाईकोर्ट में टेरर फंडिंग के मामले में आरोपी महेश, विनीत व अमित अग्रवाल की अपील याचिका पर मंगलवार को हुई सुनवाई में एनआइए की ओर से कोर्ट को बताया गया कि इन तीनों के साथ व अन्य के खिलाफ निचली अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी गई है। इन पर एनआइए कोर्ट द्वारा लिया गया संज्ञान सही है, क्योंकि इनके खिलाफ टेरर फंडिंग के पर्याप्त और ठोस सबूत हैं। कोर्ट में अभी बहस पूरी नहीं हो सकी है। अदालत ने 26 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है। 

एनआइए ने पर्याप्त सबूत जुटाए
इससे पहले सुनवाई के दौरान एनआइए के अधिवक्ता ने कहा कि इन आरोपियों के खिलाफ एनआइए ने पर्याप्त सबूत जुटाए हैं। इसके लिए उनके पास लोगों के बयान और दस्तावेजी साक्ष्य भी मौजूद हैं। करीब पांच घंटे तक चली सुनवाई के दौरान एनआइए ने कहा कि इनके खिलाफ चार्जशीट में जितनी भी बातें कही गई हैं, वह पूरी तरह से सही हैं। ऐसे में इनका कहा जाना कि वे इस मामले में पीड़ित हैं, वह पूरी तरह से गलत है। ये लोग वहां पर काम करने के लिए नक्सलियों का सहारा लेते थे और उनके बदले उन्हें फंडिंग करते थे। वहीं इस मामले में आरोपियों की ओर से कहा गया कि वे इस मामले में पीड़ित हैं। क्योंकि वहां पर काम करने के लिए उनसे रंगदारी वसूली जाती थी। लेकिन एनआइए ने उन्हें आरोपी बना दिया। 

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कोल प्रोजेक्ट में लेवी की वसूली का मामला
बता दें कि टंडवा के आम्रपाली कोल प्रोजेक्ट में शांति समिति के जरिये लेवी की वसूली की जाती थी। इसका कुछ भाग उग्रवादी संगठन टीपीसी को दिया जाता था, जिसका इस्तेमाल वे हथियार खरीदने में करते थे। पहले इसकी जांच पुलिस कर रही थी, लेकिन बाद में एनआइए टेकओवर कर इस मामले की जांच कर रही है। अब आगे की सुनवाई के बाद ही आरोपियों के झूठ-सच का फैसला संभव है।