द फॉलोअप टीम, रांची
बिजली के मामले में राजस्व वसूली में आई कमी को लेकर हेमंत सरकार अब गंभीर हो गई है। केंद्र सरकार के निर्देश पर रिजर्व बैंक की ओर से झारखंड सरकार के खाते से डीवीसी का बकाया काटे जाने के बाद सख्ती शुरू की गई है। सरकार ने गुरुवार को झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) के अफसरों को बिजली की गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति और राजस्व वसूली में जल्द सुधार की कड़ी चेतावनी दी है। ऐसा नहीं करने वाले अफसरों, इंजीनियरों को तत्काल हटाया जाएगा।
अधिकारियों को तलब किया गया
ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव सह ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष अविनाश कुमार ने सभी एरिया बोर्ड के महाप्रबंधकों, अधीक्षण अभियंताओं के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। उन्होंने बिजली आपूर्ति और राजस्व वसूली में लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को अपने कार्य में सुधार लाने की चेतावनी दी है।
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बिलिंग में लापरवाह एजेंसियां भी रडार पर
प्रधान सचिव ने उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल नहीं देकर उन्हें परेशान करने और दूसरी ओर बिजली वितरण निगम को घाटे में डालनेवाली बिलिंग एजेंसियां चिह्नित की जाएंगी। इन एजेंसियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उन्हें उतना ही भुगतान किया जाएगा जितना वे बिलिंग करेंगी। राज्य में हर माह लगभग 400 करोड़ रुपये की बिजली आपूर्ति होती है जबकि बिलिंग केवल 250 करोड़ तक हो पाती है।
सुधार नहीं हुआ तो कार्रवाई होगी
सभी ऊर्जा मित्र के कार्य का मूल्यांकन कनीय अभियंता या सहायक अभियंता करेंगे ताकि बिलिंग की सारी जानकारी हो सके। जो ऊर्जा मित्र कम बिलिंग कर रहे हैं, उन्हें चिन्हित करना है। इनके प्रदर्शन में सुधार नहीं हुआ तो ऊर्जा मित्र के साथ-साथ इंजीनियरों पर भी कार्रवाई होगी। 50 हजार रुपये से अधिक बकाया वाले उपभोक्ताओं की सूची नियमित तौर पर अखबारों में प्रकाशित होगी। 10 हजार रुपये से अधिक बकाया राशि वाले उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान नहीं करने पर बिजली का कनेक्शन कटेगा।
दुर्गापूजा पर मिलेगी निर्बाध बिजली
दुर्गापूजा के दौरान निर्बाध बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। क्षेत्रीय कार्यालयों में एक कंट्रोल रूम गठित होगा। इसकी पूरी सूचना संबंधित अफसरों के मोबाइल नंबर के साथ अखबारों में प्रकाशित होगी।