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शहीद 60 किसान आंदोलनकरियों की स्मृति में रांची के लेखक-संस्कृतिकर्मियों ने जलाए कैंडल

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द फॉलोअप टीम, रांची:
केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के विरुद्ध दिल्लीु की तीन सीमाओं पर आंदोलित किसानों में से करीब 60 किसानों की मौत हो गई है। इनमें से कई ने आत्महत्या की है। किसान समर्थक इन्हें शहीद मान रहे हैं। रांची के लेखक और संस्कृतिर्कियों ने उनकी याद में शनिवार शाम कैंडल जलाए। उन्हें मौन श्रद्धांजलि दी। गांधी प्रतिमा मोराबादी के समक्ष आयोजन प्रगतिशील लेखक संघ(प्रलेस), जनसंस्कृति मंच झारखंड (जसम), जनवादी लेखक संघ(जलेस), भारतीय जन नाट्य संघ(इप्टा) और अखिल भारतीय छात्र संघ (एआईएसएफ) ने मिलकर किया था। 

किसान के आंदोलन को सलाम: मिथिलेश
मौके पर प्रगतिशील लेखक संघ के महासचिव डॉ मिथिलेश कुमार ने कहा कि इतनी ठंड में किसान भाइयों के चल रहे  लगातार आंदोलन को हम सलाम करते हैं। किसान और किसानों के आंदोलन को समर्थन करने वाले लोग झुकने वाले नहीं हैं। उमेश नजीर ने कहा कि सरकार पूंजीपतियों के इशारे  पर ही काम कर रही है।

लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे: नदीम खान
सामाजिक कार्यकर्ता नदीम खान ने कहा कि हम लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। तानाशाही के खिलाफ और लड़ाई जारी रहेगी। एआईएसएफ के प्रदेश महासचिव लोकेश आनंद ने कहा कि  हम छात्र किसान भाइयों के आंदोलन के साथ कदम से कदम मिलाकर आंदोलन करेंगे। 

ये भी रहे शामिल
डॉ रवि भूषण, पंकज मित्र, उपेन्द्र मिश्रा, एमजेड खान, जेवियर कुजूर, कुमार वरुण, श्रीनिवास, कुमार विनोद, किरण, प्रवीण परिमल, उपेंद्र सिंह,संजीव कुमार, मदन सिंह, अजय सिंह, फरजाना फारूकी, रणेंद्र, नंदिता, कनक, प्रोफेसर अयूब, सरेसा, रौशन लिंडा, ओम बाल, नॉरीन अख्तर, शुभेन्दु सेन, रूपक राग, आकाश रंजन, अरविंद कुमार और कुमार यादव आदि स्मृडति सभा में शामिल हुए।