द फॉलोअप टीम, गढ़वा:
गढ़वा जिले के बंशीधर नगर थाना क्षेत्र के गरबांध गांव के 13 आदिवासी लड़के उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में बंधक बना लिए गए हैं। इनमें से 11 युवक नाबालिग हैं। 3 युवक मौके से भाग आए हैं। सभी 16 युवक नौकरी करने के लिए मुजफ्फर नगर गए थे, लेकिन वहां उनका मोबाइल, आधार कार्ड, पान कार्ड और एटीएम आदि छीन लिया गया है। उन्हें एक कमरे में बंद रखा गया है, वहां से उन्हें निकलने नहीं दिया जा रहा है। इधर परिवार वालों का रो-रोकर बुरा हाल है। वे पुलिस के पास जा कर मदद की गुहार लगा रहे हैं।
बंधक बनाए गए लोगों में अनिल उरांव, सुभाष उरांव, विनय उरांव, गोपाल उरांव, नागेंद्र उरांव, रौशन उरांव, अनुज उरांव, बिहारी उरांव, अखिलेश उरांव, छोटू उरांव, अर्जुन उरांव, जितेंद्र उरांव, प्रमोद उरांव, मितेन्द्र उरांव व शिवधारी उरांव का नाम शामिल है।
3 लड़के भाग कर पहुंचे हैं घर
बंधक बनाए गए युवकों में से तीन लोग किसी तरह वहां से भेग निकले और अपने गांव पहुंचे। गांव पहुंचकर उन्होंने पूरी बीत बताई, जिसके बाद उन लोगों से संपर्क साधने का प्रयास किया गया। हालांकि पहले से भी लोगों की बात उन युवकों से हो नहीं पा रही थी। लोगों ने पुलिस को जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची है और मामले की छानबीन कर रही है।
सोनभद्र जिले के अरुण सिंह के बुलाने पर गए थे युवक
गरबांध गांव निवासी बिरजू उरांव ने मंगलवार शाम को थाने में आवेदन देकर 11 नाबालिग सहित 16 लड़कों को मुक्त कराने की गुहार लगाई है। बिरजू के आवेदन पर पुलिस ने धारा 370, 370 (5) और 79 जेजे एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। बिरजू ने बताया कि उनके बेटे शिवधारी उरांव को अरुण सिंह ने फोन कर मुजफ्फरनगर बुलाया और चीनी-गुड़ फैक्ट्री में काम करने की बात कही। उरुण सिंह यूपी के सोनभद्र जिले के चुर्क थाने के सिद्धि कला गांव के निवासी हैं। उनके पिता का नाम बुद्धि नारायण सिंह बताया जा रहा है। बिरजू उरांव ने बताया कि मुजफ्फर पुर जाने के बाद सभी लड़कों को अलग-अलग जगहों पर ठेकेदार बुद्धि नारायण सिंह ने काम पर लगा दिया। इसके बाद से परिवार वालों की किसी से बातचीत नहीं हो रही है।
इस संबंध में एसडीपीओ प्रमोद केशरी ने बताया की थाने को सूचना मिलने के साथ ही रिकवरी का प्रयास तेज कर दिया गया है। जल्द ही सभी लड़कों को सकुशल वापस लाया जाएगा।