द फॉलोअप टीम, डेस्क:
रॉकेट से भी तेज चलने वाली इस दुनिया में आज भी कुछ लोग ऐसे हैं जिनकी सोच पर आप ताजुब्ब करने लगेंगे कि वाकई यह 21वीं सदी है भी या नही। नारी सशक्तिकरण जैसे मुद्दो पर हो रहे हर दिन के चर्चे और जागरुकता अभियान के बावजुद भी लोगों को अब भई कहीं ना कहीं अपनी सोच पर काम करने की जरूरत है। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योकि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण के एक सर्वे में यह बात सामने आयी है कि 30% महिलाएं आज भी पतियों से पिटाई को सही मानतीं हैं । एक सर्वेक्षण के अनुसार 14 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 30% से अधिक महिलाओं ने पतियों द्वारा कुछ परिस्थितियों में अपनी पत्नियों की पिटाई किए जाने को सही ठहराया है जबकि इससे कम प्रतिशत में पुरुषों ने इस तरह के व्यवहार को तर्कसंगत बताया।
महिलाओं ने कहा पुरुषों का पीटना सही
एनएफएचएस-5 के अनुसार 3 राज्यों के तेलांगना में 84%, आंध्र प्रदेश में 84% और कर्नाटक में 77% महिलाओं ने पुरुषों द्वारा पत्नियों की पिटाई को सही बताया । मणिपुर 66%, केरल 52%, जम्मू कश्मीर 49%, महाराष्ट्र 44% व बंगाल में 42 ऐसे अन्य राज्य और केंद्र शासित प्रदेश है, जहां महिलाओं ने ही पुरुषों द्वारा अपनी पत्नियों की पिटाई को सही कहा है। पतियों द्वारा पिटाई को जायज ठहराने वाली महिलाओं की सबसे कम संख्या हिमाचल प्रदेश (14.8) में रही। सवाल था क्या आपकी राय में एक पति का अपनी पत्नी को पीटना उचित है 14 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश से अधिक महिलाओं ने कहा हां
ये था सवाल
सर्वेक्षण के इन संभावित परिस्थितियों को सामने रखा गया था।
*एक पति अपनी पत्नी की पिटाई करता है यदि उसे उसके विश्वासघाती होने का संदेह है
*अगर वह ससुराल वालों का अनादर करती है
*अगर वह उससे बहस करती है
*अगर वह उसके साथ यौन संबंध बनाने से इंकार करती है
*अगर वह उसे बताएं बिना बाहर जाती है
*अगर वह बच्चों की उपेक्षा करती है
*अगर वह अच्छा खाना नहीं बनाती
पिटाई को सही ठहराने के लिए सबसे आम कारण घर व बच्चों की उपेक्षा करना और ससुराल वालों के प्रति अनादर दिखाना था।