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दम तोड़ती रही कीमती जिंदगियां! इधर राज्यों ने वैक्सीन का 45 लाख डोज बर्बाद कर दिया

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

भारत में कोरोना संक्रमण का आंकड़ा बेकाबू हो चला है। रोजाना ढाई लाख से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि वैक्सीन ही कोरोना की रोकथाम सुनिश्चित कर सकता है। इस बीच कई राज्यों में वैक्सीन की कमी की खबरें सामने आई। तकरीबन हर राज्य ने बताया कि उनके यहां वैक्सीन की कमी है। कई राज्यों में वैक्सीनेशन अभियान में रुकावट तक आई। सवाल ये था कि वैक्सीन का क्या हुआ। आखिर वैक्सीन की इतनी कमी कैसे आई। कारण क्या है। 

वैक्सीन से जुड़ी चिंताजनक खबर मिली
वैक्सीन की कमी से संबंधित जो नई जानकारी सामने आई है वो चिंताजनक है। वैक्सीनेशन और वैक्सीन के मामले में राज्यों द्वारा घोर लापरवाही की बात सामने आई है। एक आईटीआई रिपोर्ट में पता चला है कि कई राज्यों में व्यापक पैमाने पर वैक्सीन की बर्बादी हुई है। जानकारी मिली है कि 11 अप्रैल तक उत्पादित कुल वैक्सीन का 23 फीसदी हिस्सा बर्बाद हो चुका था। वैक्सीन की बर्बादी में पांच राज्यों का नाम सामने आया है। 

कई लाख वैक्सीन का डोज बर्बाद किया गया
आरटीआई में पता चला है कि राज्यों के उपयोग में आए 10 करोड़ 34 लाख वैक्सीन डोज में से 44 लाख 78 हजार डोज बर्बाद हो गया। सबसे ज्यादा बर्बादी तमिलनाडु में हुई है। यहां कुल वैक्सीन डोज में से 12.10 फीसदी डोज बर्बाद हो गया। हरियाणा दूसरे नंबर पर है जहां 9.74 फीसदी डोज बर्बाद हो गया। पंजाब तीसरे नंबर पर है जहां 8.12 फीसदी डोज बर्बाद हो गया। मणिपुर चौथे स्थान पर है जहां 7.80 फीसदी डोज का बर्बाद हो गया। तेलांगना में 7.55 फीसदी वैक्सीन बर्बाद हो गया। 

इन राज्यों में नहीं की गयी वैक्सीन की बर्बादी
कुछ राज्य और केंद्र शाषित प्रदेश वैसे भी हैं जिन्होंने वैक्सीन की बर्बादी नहीं की। इन्होंने कुल डोज का सही तरीके से इस्तेमाल किया है। केरल, पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, मिजोरम, गोवा, दमन एवं दीव, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह और लक्षद्वीप में वैक्सीन बर्बाद नहीं किया गया। बाकी कई राज्यों में वैक्सीन के कई लाख डोज की बर्बादी की गयी जिसकी वजह से कमी आई। 

1 मई से शुरू होगा वैक्सीनेशन तीसरा चरण
बता दें कि देश में वैक्सीनेशन प्रोग्राम 16 जनवरी से शुरू किया गया था। पहले चरण में फ्रंटलाईन कोरोना वॉरियर्स को टीका लगाया गया था। दूसरे चरण की शुरुआत 1 अप्रैल से की गयी थी। दूसरे चरण के वैक्सीनेशन अभियान के तहत 45 वर्ष स अधिक आयु के लोगों को टीका लगाया गया। भारत में वैक्सीनेशन के तीसरे चरण की शुरुआत 1 मई से होने जा रही है। इसमें 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाया जाएगा। रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है।