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सीएम की पहल : बेंगलुरु से आजाद करवाकर घर वापस लायी जा रहीं झारखंड की छह बेटियां

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द फॉलोअप टीम, रांचीः

राज्य सरकार लगातार उन लोगों की घर वापसी पर काम कर रही है जो लोग अपने शहर से बाहर काम करने जाते तो हैं लेकिन वहां अच्छी सुविधा ना मिलने पर मुसिबतों में फंस जाते हैं। ताजा मामला पोटका प्रखंड का है। मुसाबनी की अंजली पान की घर वापसी सुनिश्चित हो गई है।  कुछ घंटों में वह अपने घर पहुंच जाएगी। राज्य सरकार ने उसे बेंगलुरु से सुरक्षित मुक्त करा लिया है। अंजली पान जैसी ही पोटका प्रखंड की अन्य छह युवतियां भी मुक्त कराईं गयी हैं। 


 

बंधक बनाकर रखा गया था 
अंजली पान ने बताया कि कौशल विकास केंद्र डिमना से प्रशिक्षण लेने के बाद वह अपने सहयोगियों के साथ बेंगलुरु स्थित एक वस्त्र उद्योग में सिलाई - कढ़ाई का काम करने गयी थी। वहां पहुंचने पर सभी को काम पर लगा दिया गया। लेकिन, जिस तरह की सुविधा देने की बात कही गयी थी, वैसी नहीं दी गई। उनके साथ अच्छा व्यवहार भी नहीं किया जा रहा था। ना रहने की सुविधा थी और न ही खाने की । वार्डेन भी मारपीट की धमकी देती थी। वे लोग घर लौटना चाहती थी, लेकिन आने नहीं दिया जा रहा था। उन्हें बंधक बनाकर रखा गया था। 

ऐसे हुई वापसी 

युवतियों ने कौशल विकास केंद्र डिमना को देने के साथ घर वापसी के लिए मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक से गुहार लगायी। मुख्यमंत्री के संज्ञान में मामला आते ही श्रम विभाग और पूर्वी सिंहभूम के उपायुक्त को यथाशीघ्र युवतियों के सुरक्षित वापसी का आदेश दिया गया। इसके बाद श्रम विभाग ने सभी के घर वापसी का मार्ग प्रशस्त किया।