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बिहार में बच्चों पर कोरोना का साया! पटना में 1 बच्ची की मौत, एम्स में भर्ती 2 संक्रमित बच्चे

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द फॉलोअप टीम, पटना:

कोरोना का कहर अभी थमा नहीं है। अब भी कोरोना से लोगों की जान जा रही है। इसी बीच पटना एम्स से खबर आयी है कि एक 11 वर्षीय बच्ची के कोरोना संक्रमण के कारण मौत हो गई। पटना एम्स में 24 घंटे के अंदर दूसरी कोरोना संक्रमित बच्ची भर्ती हुई है। बिहार की राजधानी पटना में बच्चों के कोरोना संक्रमित पाए जाने की खबर ने हेल्थ एक्सर्ट्स को चिंता में डाल दिाय है। 

4 साल के बच्चे भी हो रहे संक्रमित
मिली जानकारी के मुताबिक 4 साल की सिया कुमारी सारण जिले के मिर्जापुर गांव में रहती है। एम्स से जानकारी बाहर आई है कि एक सात वर्षीय कोरोना संक्रमित बच्चे शिवांशु कुमार का  इलाज चल रहा है। बच्चों में मिल रहे कोरोना से एम्स के डॉक्टर चिंतित है। शिवांशु को एम्स में 31 अगस्त को भर्ती कराया गया था। वहीं सिया कुमारी का इलाज पहले छपरा के एक निजी अस्पताल में हो रहा था लेकिन बाद में उसे एम्स रेफर कर दिया गया। यानी अभी 2 बच्चे हैं जो कोरोना से संक्रमित हैं। 

तीसरी लहर से संभावित है बच्चे 
बताया जा रहा है कि बच्ची में कौन-सा वेरिएंट है, अभी यह नहीं मालूम हुआ है। डॉक्टरों ने पीड़ित बच्ची का रिपीट सैंपल लेने के साथ ही उसके परिजनों का सैंपल भी आरटी-पीसीआर जांच के लिए भेजा है।  पटना एम्स के नोडल पदाधिकारी डॉ. संजीव कुमार ने बताया कि बच्ची को तेज बुखार, खांसी-जुकाम के साथ पेट में पानी भरने की परेशानी है।  ऑक्सीजन सैचुरेशन नियंत्रण में है। अस्पताल इसे कोरोना की तीसरी लहर का केस मान रहा है। गुरुवार को पटना एम्स में भर्ती 11 वर्षीय आरोही कुमारी की कोरोना से मौत हो गई थी। उन्होंने कहा कि अभी दो बच्चे संक्रमित मिले हैं और इसलिए इसे तीसरी लहर की कहना थोड़ी जल्दीबाजी होगी।

 

जांच कराने में बच्चों को हो रही परेशानी
बच्चे वायरल फीवर के साथ अस्पतालों में भर्ती हो रहे हैं। डॉक्टर वायरल फीवर से पीड़ित बच्चों की कोरोना जांच भी कराने को बोल रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में बच्चों की कोरेाना जांच हो रही है लेकिन शहर के अधिकतर ऐसे प्राइवेट अस्पताल हैं, जहां परिजनों को कोरोना जांच कराने में परेशानी हो रही है। परिजनों  का कहना है कि तो अगर प्राइवेट अस्पताल के पास में ही कोरोना जांच हो जाती तो सही रहता। सभी प्राइवेट अस्पतालों में 50 रुपये फीस लेकर जांच की सुविधा की जानी चाहिए इससे परिजनों को भटकना नहीं पड़ेगा।