द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच ये चर्चा काफी आम हो चली थी कि कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक होगी। इसका आधार ये था कि पहली लहर में ज्यादातर अधेड़ उम्र के लोग प्रभावित हुए थे। दूसरी लहर में प्रभावित होने वाली अधिकांश जनसंख्या युवा वर्ग की थी। कहा जा रहा था कि तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है। इसके लिए विश्व भर में बच्चों की सुरक्षा के लिए तमाम उपाय शुरु हो गए थे।
बच्चों के हिसाब से हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट
हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को बच्चों के हिसाब से डेवलप किया गया। बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया। कुछ देशों ने तो बच्चों का टीकाकरण शुरू भी किया। इन सबके बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान नई दिल्ली की रिपोर्ट राहत देने वाली है।
डब्ल्यूएचओ और रिम्स ने किया था सीरो सर्वेक्षण
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान ने तीसरी लहर में बच्चों को होने वाले संभावित खतरे को लेकर सर्वे किया। सर्वे से पता चला कि तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं है। सर्वे में ये भी पता चला कि बच्चों में सीरो पॉजिटिविटी रेट व्यस्क नागरिकों की अपेक्षा काफी ज्यादा है। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक सीरो सर्वे पांच राज्यों में आयोजित की गई थी। इसमें 10 हजार बच्चों का सैंपल लिया गया था। इसके अध्ययन के आधार पर निष्कर्ष निकला कि कोरोना की तीसरी लहर से बच्चों को ज्यादा खतरा नहीं होगा। ये काफी राहत भरी खबर कही जा सकती है।
बच्चों के टीकाकरण के लिए विकसित हुई वैक्सीन
कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को खतरा नहीं होगा। इसके साथ जुड़ी दूसरी राहत वाली खबर ये भी है कि जल्द ही देश में बच्चों को लिए वैक्सीन उपलब्ध होने जा रही है। वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटैक ने बच्चों को लिए दो कोरोना वैक्सीन इजाद किया है जिसमें से एक नेजल स्प्रे के रूप में है। तीसरा वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने विकसित किया है। खबर मिली है कि इसका ट्रायल जुलाई महीने से शुरू किया जायेगा। बच्चों के लिए चौथी वैक्सीन जाइडस कैडिला ने विकसित की है।
महाराष्ट्र कोरोना टास्क फोर्स ने किया तीसरी लहर का दावा
ये महत्वपूर्ण इसलिए भी है क्योंकि महाराष्ट्र के कोरोना टास्क फोर्स ने रिपोर्ट दी है कि देश में जल्दी ही कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो जायेगी। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो से चार सप्ताह में कोरोना की तीसरी लहर वापसी कर सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि तीसरी लहर में निम्नमध्यम वर्गीय लोगों को ज्यादा खतरा होगा। तीसरी लहर में दूसरी लहर से ज्यादा यानी दोगुनी संख्या में लोगों के संक्रमित होने का खतरा है।
बच्चों में कोरोना की तीसरी लहर के खतरे का प्रमाण नहीं
विश्व स्वास्थ्य संगठन और अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान का सीरो रिपोर्ट कहता है कि बच्चों पर कोरोना का ज्यादा खतरा नहीं होगा। गौरतलब है कि आईसीएमआर और एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया भी कई बार कह चुके हैं कि इस बात का कोई प्रमाण नहीं मिला है कि कोरोना की तीसरी लहर का बच्चों पर ज्यादा असर होगा। पहली और दूसरी लहर में भी कई बच्चे कोरोना से संक्रमित हुए थे लेकिन कभी भी ऐसी आवश्यक्ता नहीं पड़ी कि उनको अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़े।
अमेरिका और कनाडा में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल जारी
गौरतलब है कि पूरी दुनिया में ही कोरोना महामारी की तीसरी लहर और उसके बच्चों पर होने वाले संभावित खतरे के मद्देनजर हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को उनके हिसाब से विकसित किया जा रहा है। अमेरिका और कनाडा सहित बाकी देशों में भी बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है। अमेरिकी वैक्सीन निर्माता कंपनी जॉनसन एंड जॉनसन तथा फाइजर बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल कर रही है। भारत के भी कुछ हॉस्पिटल में बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया गया है।