द फॉलोअप डेस्क
आईएएस अधिकारी बाघमारे प्रसाद कृष्णा पर लगे आरोप को राज्य सरकार ने संचिकास्त कर दिया है। अर्थात अब उन पर कोई आरोप नहीं रह गया है। कृष्णा पर अनाधिकृत रूप से सरकार की सेवा से गायब रहने का आरोप लगा था। उनके विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संचालित की गयी। आर्टिकल ऑफ चार्जेज भी गठित किया गया। उनसे कई बार स्पष्टीकरण पूछा गया। लेकिन अंततः बाघमारे पर लगे आरोप प्रमाणित नहीं हो सके और राज्य सरकार ने पिछले दिनों पूरे मामले को संचिकास्त कर दिया। आरोपों के संचिकास्त होने के बाद अब बाघमारे को प्रोन्नति देने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। उम्मीद है कि उन्हें जल्द ही दो प्रमोशन मिल सकता है। 26 मई को डीसी पद से हटाये जाने के बाद बाघमारे वेटिंग फॉर पोस्टिंग में हैं। यहां मालूम हो कि आईएएस अधिकारी अरवा राजकमल पर भी अनाधिकृत रूप से छुट्टी पर रहने का आरोप लगा था। उन पर लगे इस आरोप को भी राज्य सरकार पहले ही संचिकास्त कर चुका है। बाघमारे प्रसाद कृष्णा फिलहाल सीनियर टाइम स्केल ग्रेड(संयुक्त सचिव रैंक) में हैं। आरोप मुक्त होने के बाद अब उन्हें पहले जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड(अपर सचिव) और फिर सेलेक्शन ग्रेड(विशेष सचिव) के पद पर प्रोन्नति मिलेगी।
मालूम हो कि आईएएस बाघमारे प्रसाद कृष्णा लगभग दो साल तक बगैर अधिकृत छुट्टी के गायब रहे थे। 2011 बैच के आईएएस अधिकारी बाघमारे प्रसाद 26 जुलाई 2017 से बगैर स्वीकृति के अवकाश पर चले गए। उस समय बाघमारे पर्यटन निदेशक पद पर थे। उन्होंने 29 मई 2017 से 58 दिन की छुट्टी ली थी। फिर 21 जुलाई 2017 को मेल के जरिए खुद को बीमार बताया और 25 अगस्त तक छुट्टी बढ़ाने का आवेदन दिया। कार्मिक द्वारा मेडिकल रिपोर्ट मांगने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। साथ ही सरकार के सामने नहीं आए। इसो लेकर झारखंड कैडर के 2011 बैच के आईएएस अधिकारी बाघमारे प्रसाद कृष्ण के खिलाफ विभागीय कार्यवाही संचालित की गयी। कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने आर्टिकल ऑफ चार्जेज भी गठित किया। हालांकि जैसा होता रहा है, सरकार ने अंततः उन पर लगे आरोपों को सही नहीं पाया। पूरे मामले को संचिकास्त कर दिया।