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भाजपा में शामिल होने से अमरिंदर सिंह ने किया इंकार, लेकिन कहा - मेरे सिद्धांत अब मुझे कांग्रेस पार्टी में रहने की इजाज़त नहीं देते

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द फॉलोअप टीम, चंडीगढ़: 

पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के गृह मंत्री अमित शाह तथा राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात के बाद उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया है कि वे भाजपा में शामिल नहीं होने जा रहे। बता दें कि कांग्रेस के कद्दावर नेता और पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह ने हाल ही में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद से लगातार उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे थे। गृह मंत्री अमित शाह से करीब 45 मिनट मुलाकात के बाद यह बातें सामने आयी कि भाजपा अमरिंदर सिंह की बदौलत पंजाब के आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री की गद्दी हासिल करने की कोशिश में होगी। लेकिन अमरिंदर सिंह ने साफ़ कर दिया कि वे किसी नये विकल्प की तलाश में है।

“50 साल बाद भी मेरे विश्वसनीयता पर संदेह किया गया” - अमरिंदर सिंह

अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस को अलविदा कहते हुए कहा कि उनके सिद्धांत अब उन्हें कांग्रेस पार्टी में रहने की इज़ाज़त नहीं देते। उन्होंने कहा “अगर 50 साल बाद भी मेरे विश्वसनीयता पर संदेह किया गया तो फिर क्या रह गया”। बता दें कि कांग्रेस को छोड़ने के बाद अमरिंदर सिंह कांग्रेस के खिलाफ यह दावा कर रहे हैं कि पंजाब में कांग्रेस की लोकप्रियता करीब 20 फीसद तक घट गयी है। साथ में उन्होंने आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता पर भी जोर देकर कहा की पंजाब में आम आदमी पार्टी की लोकप्रियता का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। कांग्रेस से जाते-जाते अमरिंदर सिंह ने भाजपा और कांग्रेस के बरक्स प्रदेश में आम आदमी पार्टी को एक नई ताकत के तौर पर उभरने का अनुमान भी जताया है।


अमरिंदर सिंह की सिद्धू से नाराजगी का यह था मूल कारण 

बता दें कि साल 2018 में इमरान खान जब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने अपने शपथ ग्रहण समारोह में पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को भी आमंत्रित किया था। सिद्धू ने भी बकायदा इमरान खान के आमंत्रण को तहे दिल से स्वीकार कर शपथ ग्रहण समारोह में शामिल भी हुए, जहाँ उन्होंने पाकिस्तान के सेना प्रमुख कमर बाजवा को गले लगाया। भारत में सिद्धू के इस मिलन पर खूब विरोध हुए पर सिद्धू ने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा था ये कुछ सेकेण्ड की महज़ झप्पी थी, कोई रफाल डील नहीं। 


राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से इसलिए ख़ास है अमरिंदर सिंह की मुलाकात

बहरहाल सिद्धू की इमरान खान व कमर बाजवा से मुलाकात के बाद से ही उस वक़्त के पंजाब के मुख्यमंत्री रहे अमरिंदर सिंह सिद्धू नाराज बताये जा रहे थे। पर अब कांग्रेस का दामन छोड़ने के बाद उन्होंने अपनी नाराज़गी को जगजाहिर करते हुए कहा “सिद्धू, कुछ नहीं संभाल सकता, मैं उसे अच्छी तरह जानता हूं। सिद्धू पंजाब के लिए कोई जादू की छड़ी नहीं, बल्कि एक डिजास्टर साबित होगा। ये कांग्रेस पार्टी का फैसला है, वो जो मर्जी करें। उसे PCC का अध्यक्ष बनाएं ठीक है, लेकिन अगर उसे पंजाब के सीएम का चेहरा रखेंगे तो मैं विरोध करूंगा. क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मसला है.” बता दें कि अजित डोभाल से मुलाकात के बाद अमरिंदर सिंह ने कहा है की पंजाब की सुरक्षा चिंताओं को लेकर हीं मैं उनसे मिला, मैं अब सीएम भले न हूँ पर पंजाब तो हमारा है।

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