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मौत की नींद सो गया "बेलतू नरंसहार" का गुनहगार नक्सली बालेश्वर साव, जानिए! पूरा मामला

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द फॉलोअप टीम, हजारीबाग: 

कुख्यात नक्सली बालेश्वर साव की मौत हो गई। झारखंड के कई जिलों में आतंक के पर्याय बने बालेश्वर साव ने रिम्स में अंतिम सांस ली। बालेश्वर झारखंड के चर्चित बेलतू नरसंहार मामले के मुख्य आरोपियों में से एक था। बालेश्वर बेलतू नरंसहार मामले के मुख्य आरोपी नक्सली कैलाश साव का भाई था। कुख्यात बालेश्वर की मौत के साथ ही दोबारा बेलतू नरसंहार की चर्चा तेज हो गई है। लोग जानना चाहते हैं कि आखिर बेलतू नरंसहार ने इतनी सुर्खियां क्यों बटोरी थी।

 

13 अप्रैल 2000 को हुआ था नरसंहार
मामला 20 साल पहले का है।  13 अप्रैल साल 2000 को नक्सली कमांडर कैलाश साव की अगुवाई में नक्सलियों ने बेलतू गांव में 13 लोगों की हत्या कर दी थी। इन सभी की हत्या गला रेतकर की गई थी। करीब दर्जनभर नक्सलियों ने 13 लोगों का सिर काटकर नरमुंड से फुटबॉल खेला था। फुटबॉल खेलने वाले नक्सलियों में बालेश्वर साव का नाम भी शामिल था। इसी नरसंहार मामले में बालेश्वर साव जेपी कारा में सजा काट रहा था। 

एसपी ने किया था ग्राम रक्षा दल का गठन
गौरतलब है कि नक्सली नेटवर्क को तोड़ने के लिए हजारीबाग के तात्कालीन एसपी अजय भटनागर ने बेलतू के ब्रह्मदेव ठाकुर के नेतृत्व में ग्राम रक्षा दल का गठन किया था। इनको नक्सलियों से ग्रामीणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी। 13 अप्रैल 2000 की रात बेलतू गांव के लिए काफी खौफनाक साबित हुई क्योंकि इस दिन नक्सली कमांडर कैलाश साव ने दर्जनभर नक्सलियों के साथ बेलतू गांव को घेर लिया। ब्रह्मदेव सहित 13 लोगों को उनको उनके घरों से निकालकर इकट्ठा किया और गला रेतकर उनकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उनके नरमुंड से फुटबॉल खेला। 

जेपी कारा में बंद था कुख्यात बालेश्वर साव
बालेश्वर साव हजारीबाग जिला के केरेडारी थानाक्षेत्र अंतर्गत बेलतू का ही रहने वाला था। वो बेलतू नरसंहार मामले में जेपी कारा में सजा काट रहा था। इसी जेल में बालेश्वर साव का बड़ा भाई हार्डकोर नक्सली कैलाश साव भी सजा का रहा है। बालेश्वर साव  की मौत ने एक बार फिर से बेलतू नरंसहार मामले की याद ताजा कर दी। झारखंड के नक्सल इतिहास में बेलतू नरसंहार बेहद ही खौफनाक वारदात के रूप में दर्ज है जिसे सुनकर लोगों की रूह कांप जाती है।