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दिलीप घोष पर हमले की जिम्मेदार हैं ममता बनर्जी, उन्हें लोगों के जान की परवाह नहीं: प्रियंका टिबरेवाल

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द फॉलोअप टीम, कोलकाता: 

पश्चिम बंगाल की भवानीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 30 सितंबर को वोटिंग होगी। टीएमसी और बीजेपी ने यहां पूरी ताकत झोंकी है। जोर-शोर से चुनावी प्रचार जारी है। इस बीच भवानीपुर से छिटपुट हिंसा की भी खबर सामने आ रही है। ताजा घटना बंगाल बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और मौजूदा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष से जुड़ा है। भवानीपुर में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे दिलीप घोष और उनके कार्यकर्ताओं पर हमले की खबर है। कहा जा रहा है कि दिलीप घोष के साथ वहां धक्का-मुक्की की गई। 

दिलीप घोष पर हमले की प्रियंका ने की निंदा
भवानीपुर से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खिलाफ उतरीं बीजेपी प्रत्याशी प्रियंका टिबरेवाल ने दिलीप घोष पर हमले की निंदा की। प्रियंका टिबरेवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी लोगों को हमले के लिए उकसा रही हैं ताकि अपना पद बरकरार रख सकें। वो नागरिकों के जीवन की परवाह नहीं करती हैं। प्रियंका टिबरेवाल ने ममता बनर्जी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वो अपनी सीट से प्यार करती हैं ना कि बंगाल की जनता से। प्रियंका टिबरेवाल भारतीय जनता युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष भी हैं। 

भवानीपुर में दिलीप घोष के साथ धक्का-मुक्की
घटना के बारे में मिली कार्यकर्ताओं के साथ भवानीपुर में चुनाव प्रचार करने पहुंचे वरिष्ठ बीजेपी नेता दिलीप घोष के साथ धक्का-मुक्की हुई। बीजेपी कार्यकर्ताओं का आरोप है कि दिलीप घोष को लात भी मारी गई। कहा जा रहा है कि स्थिति इतनी बिगड़ गई कि दिलीप घोष के गनर को रिवाल्वर निकालनी पड़ी। भीड़ को उग्र होते देख दिलीप घोष को वहां से जाना पड़ा। बंगाल बीजेपी अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि दिलीप घोष पर जानलेवा हमला किया गया. उन्होंने टीएमसी कार्यकर्ताओॆं पर आरोप लगाया। 

30 सितंबर को भवानीपुर उपचुनाव में वोटिंग होगी
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल के भवानीपुर लोकसभा सीट में टीएमसी विधायक शोभमदेव चट्टोपाध्याय के इस्तीफा देने की वजह से उपचुनाव हो रहा है। कहा जा रहा है कि शोभनदेव ने इस्तीफा इसलिए दिया ताकि ममता बनर्जी यहां से उपचुनाव जीतकर विधानसभा की सदस्यता हासिल कर सकें। दरअसल, बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी नंदीग्राम से चुनाव हार गई थीं, हालांकि टीएमसी को पूर्ण बहुमत मिला। ममता बनर्जी ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए ममता बनर्जी को पांच नवंबर तक विधानसभा की सदस्यता लेनी है। पश्चिम बंगाल सरकार ने ही चुनाव आयोग से राज्य में उपचुनाव कराए जाने की अनुशंसा की थी ताकि किसी भी तरह के संवैधानिक संकट से बचा जा सके।