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BJP विधायक अनंत ओझा ने उठाया नियोजन नीति और अनुबंधकर्मियों का मामला, चर्चा की मांग

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र जारी है। सत्र के तीसरे दिन  राजमहल से बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कार्यस्थगन के माध्यम से मौजूदा सरकार की नियोजन नीति, युवाओं को रोजगार और अनुबंधकर्मियों का मामला उठाया। विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने कार्यस्थगन प्रस्ताव को सदन में पढ़कर सुनाया। जेपीएससी के मसले पर सदन हंगामेदार रहा। 

नियोजन नीति के साथ खिलवाड़ कर रही सरकार! 
बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि मौजूदा सरकार नियोजन नीति के साथ खिलवाड़ कर रही है। यूपीए गठबंधन ने अपने घोषणा अथवा निश्चय पत्र में प्रदेश के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को राज्य में नौकरी देने की बात की थी लेकिन इसके ठीक विपरित हाल ही में झारखंड कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति नियमावली में किए गये संसोधन के तहत मगही, भोजपुरी, अंगिका तथा मैथेली जैसी बहुसंख्यक आबादी द्वारा बोली जाने वाली भाषा को हटा दिया गया। उपरोक्त भाषा को बोलने वाले अभ्यर्थियों को राज्य के विकास की मुख्य धारा से अलग-अलग करने का प्रयास मौजूदा सरकार द्वारा किया जा रहा है। 

भाषा के आधार पर राज्य में तुष्टिकरण का प्रयास! 
अनंत ओझा ने कहा कि परीक्षा प्रणाली में पेपर-2 के अंतर्गत हिंदी और अंग्रेजी भाषा को हटाकर सरकार ने तुष्टिकरण की नीति के तहत उर्दू भाषा को शामिल किया है। ये फैसला संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि जिन भाषाओं को नियोजन नियुक्ति प्रणाली से हटाने का कुत्सित प्रयास मौजूदा सरकार द्वारा किया जा रहा है, वो भाषायें ही बहुसंख्यक आबादी द्वारा जिला एवं कस्बों में बोली जाती हैं। उन्होंने कहा कि क्या रकरा नियोजन नियुक्ति में शत-प्रतिशत आरक्षण देने का असंवैधानिक प्रयास कर हरही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने युवाओं को पांच लाख नौकरी का वादा किया था। 

कहां गया प्रति वर्ष पांच लाख नौकरी का वादा! 
राजमहल विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार ने अपने घोषणा पत्र में प्रतिवर्ष पांच लाख युवाओं को नौकरी देने की बात कही थी। घोषणा पत्र के अनुरूप काम नहीं हुआ। अनुंबधकर्मियों की छंटनी का काम बैक-डोर से जारी है। गत विधानसभा सत्र में विभागीय मंत्री ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के अनुबंधकर्मियों को नहीं हटाने की बात की थी लेकिन हालात ये हैं कि वे हटाये जाने की आशंका के बीच समान कार्य का समान वेतन की मांग को लेकर ठंड में आंदोलनरत हैं। 

बेरोजगारी भत्ते के वादे से पीछे हटी हेमंत सरकार
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार शिक्षा, स्वास्थ्य सहित अन्य विभागों के भी अनुबंध कर्मी आंदोलनरत हैं। उन्होंने  कहा उक्त मामले में सदन के सभी कार्यों को रोककर वर्तमान राज्य सरकार द्वारा राज्य में नियोजन नीति में यहां के अभ्यर्थियों के लिए तुष्टिकरण को पोषित करते हुए किए गए अनुचित संशोधन तथा राज्य के अनुबंध कर्मी व युवाओं के रोजगार की सुनिश्चितता हेतु, जैसे महत्त्वपूर्ण और संवेदनशील विषय पर चर्चा करायी जाए। विधायक ने कहा कि सरकार ने पोस्ट ग्रेजुएट बेरोजगारों को 7 हजार और ग्रेजुएट को 5 हजार रुपये बतौर बेरोजगारी भत्ता देने का वादा किया था लेकिन अब सरकार पीछे हट गई है। 

जल-जंगल और जमीन की बात करने वाली सरकार! 
राजमहल से बीजेपी विधायक अनंत ओझा ने कहा कि सरकार बाहरी-भीतरी की बात करती है। अब सरकार जाति की बात करने लगी है। उन्होंने कहा कि सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर तुली है। मुख्यमंत्री सदन के अंदर हथकंडे अपनाकर अपनी कमियों को छुपाने का काम कर रहे हैं। अनंत ओझा ने कहा कि मौजूदा सरकार विभाजनकारी राजनीति को पोषित कर रही है। विधायक ने कहा कि जल-जंगल और जमीन की बात करने वाली सरकार में जंगल की लूट हो रही है।