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DMFT न्यास परिषद की बैठक में क्यों भड़के विधायक मनीष जायसवाल, डबडबाई आंखों से कही बड़ी बात

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द फॉलोअप टीम, हजारीबाग: 

शनिवार को जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट यानी डी.एम.एफ.टी. के न्यास परिषद की बैठक हजारीबाग जिला उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद की अध्यक्षता में नय समाहरणालय भवन अवस्थित सभा कक्ष में आयोजित हुई। बतौर आमंत्रित सदस्य के रूप में हजारीबाग सदर विधायक मनीष जायसवाल भी शामिल हुए। बैठक में जैसे ही डीएमएफटी मद अंतर्गत प्रस्तावित योजनाओं का स्थल जांच के उपरांत प्रतिवेदन की प्रति विधायक जायसवाल ने देखा तो वे गुस्से से लाल हो गये। विधायक ने जिला प्रशान पर योजनाओं के चयन में भेदभाव करने का आरोप लगया और इस बैठक का बहिष्कार करते हुए सभागार से बाहर निकल गए। 

मीडिया के सामने निकाली भड़ास
भैटक से निकलने के बाद प्रेस से बात करते हुए विधायक ने कहा कि डीएमएफटी मद अंतर्गत की गई योजनाओं के चयन में हजारीबाग जिला प्रशासन द्वारा सदर विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। यहां की जनता को हजारीबाग जिले के अन्य प्रखंडों के मुताबिक समान अधिकार नहीं दिए जा रहें हैं। साथ हीं कहा कि डीएमएफटी मद की योजनाओं के चयन में वर्तमान हजारीबाग जिला प्रशासन का आचरण बिल्कुल ही प्रशासनिक बेईमानी का है।

सत्ता पक्ष के चाटुकारिता में जुटा प्रशासन
विधायक ने कहा कि मैं खुद मानता हूं कि जिस क्षेत्र में खनन संबंधी संचालन का कार्य होता है वैसे क्षेत्र में डीएमएफटी की योजनाओं में विशेष प्राथमिकता देनी चाहिए लेकिन अन्य सभी क्षेत्रों में योजनाओं के चयन में बगैर किसी भेदभाव के बराबर की योजनाएं संचालित की जानी चाहिए। हजारीबाग जिला प्रशासन के अधिकारी सत्ता पक्ष के चाटुकारिता में और सत्ता पक्ष के लोगों को खुश करने के लिए जो अन्यायपूर्ण कार्य कर रही है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। 
हजारीबाग जिला प्रशासन के अधिकारियों को जिले के अन्य क्षेत्रों के साथ सदर विधानसभा क्षेत्र को भी एक ही नजरिए से देखना चाहिए लेकिन उक्त योजनाओं के चयन से ऐसा प्रतीत हो रहा है कि इन अधिकारियों को व्यक्तिगत रुप से सदर विधानसभा क्षेत्र रास नहीं आ रहा है।

18 पंयातों में सिर्फ एक का चयन
मनीष जायसवाल ने कहा कि डीएमएफटी मद अंतर्गत प्रस्तावित योजनाओं के स्थल चयन के उपरांत तैयार प्रतिवेदन में हजारीबाग सदर विधानसभा क्षेत्र के कटकमसांडी प्रखंड जिसमें कुल 18 पंचायत आते हैं। वहां सिर्फ 01 योजना का चयन किया गया। सदर प्रखंड जिसमें कुल 25 पंचायत आते हैं यहां भी 01 योजना का चयन हुआ, जबकि दारू प्रखंड क्षेत्र जिसमें सदर विधानसभा क्षेत्र के अधीन 5 पंचायत आते हैं यहां 04 योजना का स्थल जांच किया गया है, वहीं कटकमदाग प्रखंड जो सीधे तौर पर माइनिंग प्रभावित क्षेत्र है वहां संभवतः प्रतिवेदन में 08 छोटी-छोटी योजनाएं ली गई है। 
इन प्रखंडों की तुलना में हजारीबाग जिले के अन्य प्रखंडों को विशेष तवज्जो देते हुए अत्यधिक योजनाओं का चयन किया गया है। उन्होंने कहा की मैंने व्यक्तिगत रूप से अपने विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न प्रखंडों के विकास योजनाओं के लिए 08 से 10 पन्ने का अनुशंसा पत्र प्रेषित किया था। विधायक जायसवाल ने कहा कि जब जिला प्रशासन के अधिकारी योजनाओं के चयन में भेदभाव करें और सत्ता पक्ष को खुश करने के लिए जनता के हक के साथ खिलवाड़ करें तो ऐसे अधिकारियों से हम न्याय की उम्मीद नहीं कर सकते हैं। 

डीसी ने नहीं दिया कोई जवाब
जायसवाल ने कहा की जब हजारीबाग जिला उपायुक्त से बैठक के दौरान मैंने इस संबंध में सवाल किया तो उनका स्पष्ट जवाब आया की आम सभा नहीं हो पाने के कारण ऐसा हुआ है। जबकि पिछले करीब एक साल से पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल खत्म होने के बाद पंचायत भंग है। ऐसे में स्थानीय बीडीओ आम सभा करा सकते हैं और विकास के कार्यों में होने वाले आम सभा में जनता भी समर्थन करती है। बीडीओ जिले के उप विकास आयुक्त और उपायुक्त के अधीनस्थ पदाधिकारी हैं। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और केवल सत्ता पक्ष को खुश करने के लिए जनता के हक और अधिकार के साथ हजारीबाग जिला प्रशासन द्वारा यह बड़ी बेईमानी की गई। 

डीसी की मंशा साफ नहीं
विधायक मनीष जायसवाल ने कहा कि हमलोग भी सत्ता पक्ष में रहे हैं और हमलोग सत्ता पक्ष में रहते हुए विपक्ष को भी पूरा सम्मान देते थे और जिला प्रशासन पर कभी भी अनर्गल दबाव हमलोग की ओर से नहीं रहता था। हमारी भाजपा सरकार में सत्ता पक्ष के समानांतर सभी 81 विधानसभा क्षेत्रों में योजनाओं का आवंटन किया जाता था और सभी को बराबर का हक और सम्मान मिलता था। उस वक्त डीएमएफटी बहुत ज्यादा प्रचलन में नहीं था लेकिन उस वक्त संचालित अनाबद्ध योजना समेत अन्य योजनाओं को जिला प्रशासन के माध्यम से सभी क्षेत्रों को बराबर हिस्से में आवंटित किया जाता था और सभी क्षेत्र की जनता को समान सम्मान दिया जाता था। 

डबडबाती आंखों से क्या बोले विधायक
विधायक जायसवाल ने डबडबाती आंखों से अपने दर्द को बयां करते हुए कहा कि जब मैं बैठक का बहिष्कार कर सभा कक्ष से निकल रहा था तो वहां हजारीबाग जिलाधिकारी उपायुक्त खुद बैठे हुए थे वे चाहते तो यह आश्वासन दे सकते थे की प्रतिवेदन में चयनित योजनाओं की जांच कर सभी क्षेत्रों में समानांतर योजनाओं का आवंटन किया जाएगा, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। हजारीबाग जिला प्रशासन के अधिकारियों को सभी क्षेत्र को एक ही चश्मे से देखना चाहिए ना कि पक्ष और विपक्ष के चश्मे से देखकर जनता का तिरस्कार करना चाहिए। हजारीबाग जिला प्रशासन के अधिकारियों का सदर विधानसभा क्षेत्र की विकास योजनाओं में यह उपेक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और क्षेत्र के विकास के साथ जनता को समान अधिकार और हक दिलाने के लिए इस मामले को हम उचित फोरम तक अवश्य लेकर जाएंगे ।