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विधानसभा में नमाज पर गर्माई सियासत! सीपी सिंह बोले- बजरंगबली का मंदिर भी बने, विधायकों को मिलेगी सेवा की प्रेरणा

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड विधानसभा में नमाज अता करने के लिए कमरा आवंटित करने को लेकर झारखंड में सियासी भूचाल आ गया है। भारतीय जनता पार्टी ने इसे तुष्टिकरण की घृणित राजनीति बताया है। मामले में सरकार और विपक्ष के बीच जुबानी जंग भी जारी है। मामला यहां तक पहुंचा कि बीजेपी विधायक अब विधानसभा परिसर में भव्य मंदिर निर्माण की मांग करने लगे हैं। ये पूरा मामला क्या है। आखिर क्यों विधानसभा भवन में नमाज के लिए कमरा दिया गया। पूरा मामला समझाते हैं। 

झारखंड विधानसभा में नमाज के लिए कमरा
झारखंड विधानसभा भवन में कमरा नंबर टीडब्ल्यू-348 को नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया है। झारखंड विधानसभा सचिवालय ने आधिकारिक पत्र जारी कर इसकी जानकारी दी। तर्क है कि विधानसभा सत्र में भाग लेने वाले अल्पसंख्यक विधायकों को जुमे की नमाज अता करने में परेशानी का सामना नहीं करना पड़े इसलिए ऐसा किया गया है। सरकार का जो भी तर्क हो, विपक्षी दल, विशेष तौर पर भारतीय जनता पार्टी ने इसका पुरजोर विरोध किया है। मामले में भारतीय जनता पार्टी का पक्ष जानने के लिए द फॉलोअप ने बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव और रांची विधानसभा सीट से विधायक सीपी सिंह से बातचीत की। दोनों ने इसे तुष्टिकरण की घृणित राजनीति कहा। 

सीपी सिंह ने बजरंग बली मंदिर की मांग की
रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा विधानसभा भवन में नमाज अता करने के लिए कमरा आवंटित किया जाना बताता है कि सरकार कितने घृणित स्तर तक तुष्टिकरण की राजनीति करती है। देश का विचार सर्वधर्म समभाव का रहा है। मेरा कहना है कि यदि वहां नमाज की जगह दी गई है तो क्यों ना एक मंदिर भी बनवा दिया जाये। विधानसभा परिसर में काफी जमीन खाली पड़ी है। वहां एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया जा सकता है, जहां बहुसंख्यक विधायक अपने-अपने ईष्ट देवता की पूजा-अर्चना कर सकते हैं। सीपी सिंह ने कहा कि मैं तो कहूंगा कि विधानसभा परिसर में भव्य मंदिर बनाकर बजरगं-बली की प्रतिमा स्थापित करनी चाहिए। इससे विधायकों को साहस और पराक्रम की प्रेरणा मिलेगी। जिस तरीके से बजरंग-बली राम के सेवक के रूप में जाने जाते हैं, उसी प्रकार विधायक भी जनता के सेवक हैं। मंदिर बनने से विधायकों को वहां जनता की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी। 

सीपी सिंह ने बताया तुष्टिकरण की घृणित राजनीति
क्या विधानसभा परिसर में नमाज और पूजा के लिए स्थान की मांग भारत के धर्म औऱ पंथ निरपेक्ष विचारधारा का उल्लंघन नहीं है। जवाब में सीपी सिंह ने कहा कि यही तो समस्या है। यदि विधानसभा भवन में नमाज अता करने के लिए कमरा आवंटित किया जाता है तो ये सेक्युलर कदम है। बीजेपी यदि मंदिर की मांग करती है तो ये सांप्रदायिक हो गया। सीपी सिंह ने कहा कि तुष्टिकरण की भी कोई हद होती है। सरकार तुष्टिकरण की सीमा लांघ रही है। 

क्या विधानसभा में मंदिर की व्यवस्था करेगी सरकार! 
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने भी कहा कि अच्छा है कि सरकार ने वहां नमाज अता करने के लिए कमरा आवंटित किया है। भारत में सभी धर्म बराबर है। यदि विधानसभा में नमाज अता की जा सकती है तो फिर भजन भी गाया जा सकता है। हमारी मांग है कि विधानसभा परिसर में एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया जाये। परिसर में क्यों, विधानसभा भवन के सेंट्रल हॉल में ही जगह दी जाये। वहां बहुसंख्यक विधायक पूजा अर्चना करेंगे। प्रतुल शाहदेव ने कहा कि सेंट्रल हॉल में यदि पूजा-अर्चना होगी तो सोशल-डिस्टेंसिंग का भी बढ़िया से पालन हो सकेगा। कटाक्ष भरे स्वर में प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि विधानसभा परिसर में भव्य मंदिर का निर्माण होना चाहिए जहां बहुसंख्यक विधायक सातों दिन अलग-अलग देवी-देवताओं की पूजा कर सकते हैं। सोमवार को भगवान शिव, मंगलवार को बजरंगबली, बुधवार को श्रीकृष्ण, गुरुवार को भगवान बिष्णु, शुक्रवार को मां संतोषी, शनिवार को शनिदेव रविवार को भगवान सूर्य की पूजा करेंगे। सर्वधर्म समभाव की अवधारणा भी मजबूत होगी। 

तुष्टिकरण की सारी सीमाएं पार हो चुकी हैं: प्रतुल शाहदेव
प्रतुल शाहदेव ने भी इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया। कहा कि हेमंत सरकार की यही नीति है कि जब चौतरफा असफलताओं से घिर जाओ तो ध्यान भटकाने की कोशिश करो। झारखंड के इतिहास में पहली बार विधानसभा भवन में नमाज अता करने के लिए नमाज भवन बनाया गया है। तुष्टिकरण की सारी सीमाएं पार हो गई हैं। क्या विधानसभा में बहुसंख्यक समाज के लिए मंदिर या प्रार्थना कक्ष की व्यवस्था की जायेगी। ये दुर्भाग्यपूर्ण है।