द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा (Board Exam) के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। सीबीएसई ने सोमवार को अगले साल बोर्ड परीक्षा के विशेष मूल्यांकन योजना की घोषणा की। सीबीएसई (CBSE) ने शिक्षण सत्र 2021.22 को दो हिस्सों में बांटा है। प्रत्येक हिस्सा 50 फीसदी पाठ्यक्रम का होगा। इसमें पहले टर्म की परीक्षा इस साल नवंबर-दिसंबर महीने में आय़ोजित की जायेगी वहीं दूसरे टर्म की परीक्षा अप्रैल-मई में होगी।
ऑब्जेक्टिव होगी पहले टर्म की परीक्षा
मिली जानकारी के मुताबिक पहले टर्म की परीक्षा में ऑब्जेक्टिव प्रश्न पूछे जाएंगे। विद्यार्थियों को ओमएआर शीट पर जवाब देना होगा। दूसरे टर्म की परीक्षा जो अप्रैल-मई में प्रस्तावित है, उसमें परीक्षा सब्जेक्टिव होगी जिसमें जवाब लिखना होगा। कहा जा रहा है कि सीबीएसई ने 2021-22 के शिक्षण सत्र के पाठ्यक्रम को युक्तिसंत बनाने, आतंरिक मूल्यांकन और प्रोजेक्ट वगैरह को अधिक य़ुक्तिसंगत और विश्वसनीय बुनाने के उद्देश्य से नई योजना की घोषणा की है। मिली जानकारी के मुताबिक परीक्षा के बावजूद इसमें आंतंरिक मूल्यांकन का महत्व होगा।
जानिए! कैसे किया जायेगा आंतरिक मूल्यांकन
गौरतलब है कि 9वीं और 10वीं कक्षा के लिए आंतरिक मूल्यांकन में तीन पीरियोडिक टेस्ट, स्टूडेंट एनरिचमेंट, पोर्टफोलियो और प्रायोगिक कार्य, बोलने एवं सुनने की गतिविधियां तथा परियोजना कार्य शामिल होंगे। वहीं 1वीं और 12वीं कक्षा में आतंरिक मूल्यांकन में टॉपिक एंड यूनिट टेस्ट, खोजपूर्ण गतिविधियां, प्रायोगिक कार्य, प्रोजेक्ट परियोजना शामिल होगी। बता दें कि सत्र 2020-21 की बोर्ड परीक्षा का मूल्यांकन आंतरिक मार्क्स के आधार पर ही किया जा रहा है। कोरोना महामारी की वजह से इस साल परीक्षा स्थगित कर दी गई थी। इसको लेकर अलग-अलग राय हैं।
दोनों परीक्षाओं का समान वेटेज दिया जायेगा
ध्यान देने योग्य बाते ये भी है कि अंतिम परिणाम दोनों परीक्षाओं के प्रदर्शन के आधार पर तय किया जायेगा। दोनों परीक्षाओं के लिए समान वेटेज दिया जायेगा। मॉर्किंग स्कीम और प्रश्न मंत्र स्कूलों को सीबीएसई भेजेगा। आसंरशीट के मूल्यांकन की प्रक्रिया भी बोर्ड ही तय करेगा। स्कूलों में सेंटर सुपरिटेंडेंट और ऑब्जर्वर्स बाहर से भेजे जायेंगे।