द फॉलोअप टीम, रांची:
बेरोजगारी इस वक्त केवल झारखंड की नहीं बल्कि पूरे देश का ज्वलंत मुद्दा है। लोगों को वैसे ही रोजगार नहीं मिल रहा था, ऊपर से कोरोना काल में कई लोगों की नौकरियां भी चली गईं। लोग किसी भी कीमत पर रोजगार चाहते हैं औऱ इसी की फायदा कुछ जालसाज उठा रहे हैं। ताजा मामला रांची का है। यहां मनरेगा में रोजगार दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवाओ से पैसे ठगने का मामला सामने आया है।
सात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज
गौरतलब है कि इस पूरे मामले में जालसाजी और धोखाधड़ी करने के आरोप में सात लोगों के खिलाफ अरगोड़ा थाने में अंचल अधिकारी अरविंद कुमार ने प्राथमिकी दर्ज करवाई है। कहा जा रहा है कि सभी आरोपी मनरेगा मजदूर विकास संगटन के सदस्य हैं। जिनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करवाई गई है उनमें सुगंध कुमार, अभय कुमार, संजू देवी, प्रिसं कुमार, असित सिंह, अभिषेक कुमार औऱ राजेश कुमार शामिल हैं। गौरतलब है कि ये सभी लोग बिहार के वैशाली और मुजफ्फरपुर के रहने वाले हैं। इनका ऑफिस सील कर दिया गया है।
उपविकास आयुक्त के नेतृत्व में हुई कार्रवाई
इस पूरे मामले में रांची के उप विकास आयुक्त विशाल सागर के नेतृत्व में पुलिस-प्रशासन की टीमन ने अरगोड़ा रोड नंबर-1 में चल रहे मनरेगा मजदूर विकास संगठन की जांच करने के बाद कार्रवाई की। इस दरम्यान रांची के एसडीओ दीपक कुमार, अरगोड़ा के अंचल अधिकरी अरविंद कुमार औऱ थाना प्रभारी अरगोड़ा मौजूद थे।
1 महीने से चल रहा था जालसाजी का खेल
मिली जानकारी के मुताबिक बेरोजगार युवाओं को मनरेगा में नौकरी दिलाने के नाम पर पैसे ठगने का पूरा खेल बीते 1 महीने से चल रहा था। इन लोगों ने अशोक नगर में अपना कार्यालय बनाया था। यहां संगठन में विभिन्न पदों पर कार्यरत सात लोग बेरोजगार युवाओं से पैसे ठगने का काम कर रहे थे।
आवेदकों ने बताई अपनी-अपनी आपबीती
मनरेगा मजदूर विकास संगठन के कार्यालय की जांच के दौरन नौकरी के लिए आवेदकों से बातचीत की गई। दोनों गिरिडीह के थे। उन्होंने बताया कि नौकरी औऱ किट उपलब्ध करवाने के नाम पर उनसे हजारों रूपये की वसूली की गई। अभी तक नौकरी नहीं मिली। मामले में कार्रवाई करते हुए दफ्तर को सील कर दिया गया।