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ग्रामीण व्यवस्था की मजबूती हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता, पलामू में बोले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप टीम, पलामू: 

ग्रामीण व्यवस्था की मजबूती सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी वजह से ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबों, जरूरतमंदों, आदिवासियों, अनुसूचित जाति, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, महिलाओं, बुजुर्गों और नौजवानों समेत समाज के सभी वर्ग और तबके को केंद्र में रखकर पूरे होमवर्क के साथ कार्य योजनाएं बनाकर उसे धरातल पर उतारने का काम किया जा रहा है। ये योजनाएं ग्रामीणों की दशा और दिशा को तय करेंगी।

पलामू प्रमंडल में किया गया परिसंपत्ति का वितरण
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज मेदिनीनगर में "आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार" के अंतर्गत पलामू प्रमंडल स्तरीय मेगा परिसंपत्ति वितरण समारोह में कही। उन्होंने  कहा कि यहां के लोगों को मान सम्मान और स्वाभिमान के साथ जीविकोपार्जन का अवसर दे रहे हैं। इसी की बदौलत राज्य में विकास को गति मिलेगी ।

सहभागिता और सहयोग से ही योजनाएं सफल होंगी 
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड में कई ऐसे जटिल इलाके हैं, जहां पदाधिकारी जाते ही नहीं है।  ऐसे में वहां सरकार की योजनाएं कैसे पहुंचेगी यह सहज ही समझा जा सकता है। वहीं, सुदूर ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड अथवा जिला मुख्यालय आना पड़ता है, लेकिन, यहां काम कराने में कई कठिनाइयां पैदा होती है। अगर एक-दो प्रयास में भी उनके कार्य नहीं होते हैं तो फिर वे योजनाओं से जुड़ने की बात सोचना छोड़ देते हैं। इसी को ध्यान में रखकर "आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम शुरू किया गया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आपको योजनाओं की जानकारी देने के साथ योजनाओं से जोड़ा भी जा रहा है । इसके लिए सरकार आपके द्वार पर आ रही है। आपसे आग्रह है कि आप अपना सहयोग और सहभागिता सुनिश्चित करें ।

कार्यक्रम को मिल रही व्यापक सफलता
मुख्यमंत्री ने कहा कि "आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार" कार्यक्रम के तहत पंचायतों में आयोजित हो रहे शिविरों में जिस तरह लोग आ रहे हैं, वह यह बताने के लिए काफी है कि पूरे राज्य में यह कार्यक्रम बेहद सफल हो रहा है। उन्होंने कहा कि पलामू प्रमंडल में लगभग डेढ़ लाख शिकायतें मिल चुकी है । इसमे लगभग 1.30 लाख समस्याओं का निष्पादन किया जा चुका है ।  

 ग्रामीणों का खेत -खलिहान और पशुधन ही उनकी पूंजी है 
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के पास ना घर में और ना ही बैंक में पैसा होता है। उनका खेत- खलिहान और पशुधन उनकी पूंजी है। इसी वजह से सरकार किसानों और पशुपालकों के  लिए कई योजनाएं शुरू की है, ताकि उनकी आय में बढ़ोतरी और ग्रामीण इलाकों में समृद्धि आ सके।

आप के सहयोग से कोरोना को काबू में किया 
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से सारी दुनिया की व्यवस्थाएं ठप्प हो गई थी। झारखंड भी इससे अछूता नहीं था। हमारी सरकार ने कोरोना और लॉकडाउन में भी  जीवन और जीविका पर आफत नहीं आने दिया। एक ऐसी व्यवस्था बनाई, जहां किसी तरह की अफरा-तफरी देखने को नहीं मिली। दूसरे राज्यों से मरीजों ने यहां इलाज कराया। वहीं, पूरे देश को झारखंड ने ऑक्सीजन उपलब्ध कराया। लॉकडाउन के दौरान बड़े पैमाने पर प्रवासी मजदूरों की वापसी हुई। इस दौरान महिला मंडलों ने अपनी जान की चिंता किए बगैर लोगों को मुफ्त में भोजन कराया। इसके लिए उन्हें सलाम करते हैं । उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना का खतरा अभी टला नहीं है। ऐसे में सावधान और सतर्क रहें।

रोजगार सृजन पर विशेष फोकस 
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोजगार सृजन पर सरकार का विशेष जोर है । एक ओर नियुक्ति नियमावली बनाकर बड़े पैमाने पर खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं,  राज्य में अवस्थित निजी संस्थानों और उत्पादक कंपनियों में 75 प्रतिशत रोजगार स्थानीय लोगों को देने का भी प्रावधान किया गया है। स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना चलाई जा रही है । दुकान, होटल, सैलून, वाहन और उत्पादन यूनिट खोलने के साथ कई अन्य कार्यों के लिए भी सब्सिडी आधारित 25 लाख रुपए तक की पूंजी सरकार उपलब्ध करा रही है।

मुख्यमंत्री ने हड़िया- दारू  बेचकर जीविकोपार्जन करने वाली महिलाओं से कहा कि वे इसे छोड़ कर आजीविका का दूसरा साधन अपनाएं। उन्हें फूलो झानो आशीर्वाद योजना के अंतर्गत आजीविका उपलब्ध कराया जाएगा। मुख्यमंत्री ने महिला मंडलों द्वारा निर्मित उत्पादों को पलाश ब्रांड के जरिए बाजार उपलब्ध कराने का विश्वास दिलाया।  


लाभुकों की कोई संख्या सीमा की बाध्यता नहीं 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सार्वभौमिक पेंशन योजना शुरू की है। इस योजना के तहत पेंशन के लिए एपीएल और बीपीएल कार्ड धारी होगा अनिवार्य नहीं है । लाभुकों की संख्या सीमा की बाध्यता भी खत्म कर दी गई है । 60 साल से ऊपर के सभी बुजुर्गों के अलावा दिव्यांगों, विधवाओं और एकल महिला को पेंशन मिलेगा। 

पलामू प्रमंडल का होगा सर्वांगीण विकास 
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने पलामू प्रमंडल के सर्वांगीण विकास के लिए कार्य योजना तैयार कर ली है। यहां अगले 2 सालों में पांच हज़ार करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का जाल बिछेगा। सिंचाई योजनाओं के लिए 800 करोड़ रुपए का डीपीआर बनकर तैयार है। इसके अलावा पेयजल समेत अन्य आधारभूत संरचनाओं के विकास के लिए भी राशि की कोई कमी नहीं  होने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने इस मौके पर घोषणा की कि झारखंड में राइस मिलों की आधारशिला 29 दिसंबर को रखी जाएगी।

 11 लाख से ज्यादा लाभुकों को मिली सौगात 
समारोह में पलामू प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले तीनों जिलों के 11 लाख 29 हज़ार 982 लाभुकों के बीच 8 अरब 58 करोड़ 90 लाख 07 हज़ार 666 रुपए की परिसंपत्ति बांटी गई ।  इसमें मेदिनीनगर जिले के  5 लाख 63 हज़ार 678 लाभुकों के बीच 5 अरब 61 करोड़  52 लाख 94  हज़ार 42 रुपए, गढ़वा जिले के  5 लाख 48 हज़ार 209 लाभुकों के बीच 2 अरब 53 करोड़ 92 लाख 50 हज़ार 324 रुपए और लातेहार  जिले के 18 हज़ार 95 लाभुकों के बीच 43 करोड़ 44 लाख 63 हज़ार 300 रुपये की परिसंपत्तियों का वितरण किया गया ।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री और अन्य अतिथि गणों द्वारा सूचना एवं जनसंपर्क विभाग, पलामू द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों का विमोचन किया गया।  इसमें "पलामू : विकास की राह पर " और "पलामू प्रमंडल में आपकी सरकार -आपके द्वार"  पुस्तक शामिल है । 

कार्यक्रम में इन नेताओं ने भी लिया हिस्सा
इस अवसर पर पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री मिथिलेश कुमार ठाकुर,  श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक आलोक चौरसिया, रामचन्द्र सिंह, बैजनाथ राम, पुष्पा देवी और शशि भूषण मेहता,  सचिव सुनील कुमार, सचिव श्री कृपानंद झा, प्रमंडलीय आयुक्त, पुलिस उपमहानिरीक्षक, मेदिनीनगर, गढ़वा और लातेहार जिले के उपायुक्त तथा पुलिस अधीक्षक समेत कई पदाधिकारी  उपस्थित थे।