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मैं मुख्यमंत्री ना होता तो भी आदिवासी महोत्सव में जरूर आता, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने छत्तीसगढ़ में क्यों कही ये बात !

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द  फॉलोअप टीम, रांची:

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में गुरुवार को राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। तीन दिवसीय राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव के रंगारंग कार्यक्रम में दुनिया भर से आये नर्तक दल अपने कला का प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि राजधानी रायपुर में 33 राज्य और केंद्र शाषित प्रदेशों के साथ विदेशों से भी 6 नृतक दाल इस समारोह में अपनी नृत्य कला से आदिवासी नृत्य का प्रदर्शन करेंगे। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे हेमंत सोरेन ने समारोह में दिए अपने भाषण में कहा कि आदिवासियों के पास बोर भर-भर के पैसे नहीं, उनकी असल सम्पत्तिओं जल, जंगल और जमीन है।

 

 

मैं सीएम नहीं होता फिर भी कार्यक्रम में आता - हेमंत सोरेन
राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव में आदिवासी समाज के विविध परम्पराओं का अद्भुत प्रदर्शन नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है। समारोह में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने झारखंड में आदिवासी समाज की कला-संस्कृति के विकास के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की तारीफ की है।मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी समारोह में कहा कि मैं आदिवासी समाज से हूँ। इस जगह पर कैसे पहुंचा। ये मेरे लिए बड़ी चुनौती रही है। आज जब यह कार्यक्रम शुरू हो रहा है तो मैं  पूरे विश्वास के साथ कह सकता हूँ कि अगर मैं मुख्यमंत्री नहीं होता। इस कार्यक्रम का मुख्य अतिथि न भी होता, फिर भी इस कार्यक्रम में शामिल होता। 

 

 

जनजातीय समुदाय कर रहे हैं अपनी संस्कृति को बचाने के लिए संघर्ष
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव में जनजातीय समाज के सामने मौजूदा संकट पर खुल कर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज जनजातीय समाज भौतिकवादी युग में अपनी सभ्यता और संस्कृति को बचने के लिए लगातार संघर्ष कर रहा है। साथ हीं उन्होंने राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव की महत्वता का बखान करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन से वर्ग विशेष के लोगों को नई ऊर्जा मिलेगी।