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कोरोना काल में शिक्षा के लिए प्रेरणा बना बनाकाठी गांव, निर्बाध पढ़ाई के लिए की अनोखी पहल

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द फॉलोअप टीम, दुमका: 

कोरोना काल में तमाम शिक्षण संस्थान बंद हैं। सरकार ने तो ऑनलाइन क्लास का रास्ता सुझाया है लेकिन इसमें कई सारी मुश्किलें हैं। सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाकों में फास्ट इंटरनेट की सुविधा नहीं है। बच्चे कमजोर आर्थिक पृष्ठभूमि से आते हैं इसलिए सबके पास स्मार्टफोन भी नहीं है। ऐसे में दुमका जिला के बनकाठी में शिक्षकों ने बच्चों को पढ़ाने के लिए अनूठी पहल की है। बनाकाठी गांव में टेलीविजन के माध्यम से बच्चों को पढ़ाया जा रहा है। 



बनाकाठी गांव के तीन टोलों में लगा टेलीविजन
बनाकाठी गांव के तीन टोलों में टेलीविजन लगाया गया है। तीन में से 2 टेलीविजन सेवानिवृत्त शिक्षिका प्रणति काहाली द्वारा दान में दिया गया है। एक टेलीविजन बनाकाठी विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह गांधी ने दान किया है। प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह ने कहा कि बनाकाठी स्कूल के सभी शिक्षकों का प्रय़ास है कि कोरोना काल में बच्चे शिक्षा से वंचित ना हों। बच्चों को डीडी झारखंड चैनल के जरिए पढ़ाया जा रहा है। 


बारी-बारी से प्रत्येक टोले में जाकर पढ़ाएंगे शिक्षक
स्कूल के प्रधानाध्यापक श्याम किशोर सिंह ने बताया कि शिक्षक बारी-बारी से सभी टोलों में जाकर पढ़ाएंगे। कुछ शिक्षकों को इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी भी दी गई है। अब काशीपाड़ा में भी टेलीविजन लगा दिया गया है। यहां अभिभावकों में काफी खुशी देखी गई। हालांकि, अभी भी परेशानी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई क्योंकि गांव में बिजली की समस्या है। बिजली की अनियमित आपूर्ति और लो वोल्टेज की वजह से पढ़ाई में रूकावट आती है। इसका समाधान जरूरी है। 



निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करने की मांग
इस बीच गांव के नौजवानों ने कहा कि बिजली की समस्या वे दूर कर देंगे। शिक्षकों की पहल बेकार नहीं जानी चाहिए। प्रधानाध्यापक ने बताया कि डीडी झारखंड के साथ पढ़ाई करने का फायदा ये है कि बच्चों का साथ-साथ मनोरंजन भी होगा। उन्होंने कहा कि इस पहल में उनके कुछ दोस्तों ने आर्थिक सहायता दी। उन्होंने कहा कि इस पहल में जिन लोगों ने भी सहायता की मैं उनका शुक्रिया अदा करना चाहता हूं। बता दें कि पहले भी कोरोना काल में शिक्षा के बनाकाठी मॉडल की चर्चा हो चुकी है। पिछले साल लॉकडाउन में गांव के मकानों की दीवारों पर लिखकर बच्चों को पढ़ाया जा रहा था।