द फॉलोअप टीम, दिल्ली:
चीन और भारत के बीच सीमा विवाद कोई पुराना मसला नहीं है। दोनों देशों के बीच साल 1962 के युद्ध से पहले से ही सीमा विवाद रहा है। हालांकि मई 2020 से चीन और भारत के बीच सीमा को लेकर ज्यादा तल्खी आई है। बीते एक साल में भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर काफी कुछ घटा है जिसमें 20 भारतीय सैनिकों की शहादत भी शामिल है। दोनों देशों के बीच कमांर और बिग्रेडियर स्तर की कई वार्ता हो चुकी है। रूस की राजधानी मॉस्को में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री जयशंकर और चीनी विदेश मंत्री की मुलाकात भी हो चुकी है।
चीनी सैनिकों ने भारतीय इलाके में लगाए कैंप
अब खबर मिल रही है कि चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारत के इलाके में टेंट लगा दिए हैं। अंग्रेजी सामाचार वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में सेना से जुड़े अधिकारी ने बातया कि चीनी सैनिकं ने पूर्व लद्दाख के डेमचोक में चारडिंग नाला के करीब तंबू लगा दिए है। इनमें रहने वाले चीन के नागरिह हैं। भारतीय सेना की तरफ से उनको भारतीय सीमा से हटने के लिए कहा गया है लेकिन उन्होंने अपने तंबू नहीं हटाए है। ये काफी चिंताजनक बात है।
डेमचोक को लेकर भारत-चीन में पुराना विवाद
गौरतलब है कि डेमचोक इलाके को लेकर वर्षों से भारत और चीन के बीच विवाद रहा है। कई बार भारत और चीन के सैनिक इस स्थान को लेकर आपस में भिड़ चुके हैं। के दशक में भारत और चीन के ज्वॉइंट वर्किंग ग्रुप की कई बैठकों हुई थी। इन बैटकों में डेमचोक और ट्रिग हाइट्स को वास्तविक नियंत्रण रेखा का विवादित क्षेत्र माना गया था। भारत और चीन के बीच नक्शों का आदान-प्रदान भी हुआ था। 10 अलग-अलग स्थानों पर दोनों की धारणाओं को मान्यता दी गई थी। इनमें चांग्लुंग नाला, कोंगका ला, लुंगपा, डेपसांग बुलगे, माउंट सजुन, डमचेले, चुमार पैंगोंग त्सो का उत्तरी किनारा, स्पंगगुर और प्वॉइंट 6556 को शामिल किया गया था। बीते साल से चल रहे विवाद के बीच पूर्वी लद्दाख के पांच अन्य क्षेत्रों को भी इसमें शामिल किया गया था। वार्ता के बाद भी मामला नहीं सुलझा।
राहुल गांधी ने मामले में केंद्र पर साधा निशाना
चीन द्वारा पूर्वी लद्दाख के डेमचोक इलाके में चीनी सेना द्वारा तंबू लगाए जाने की सूचना मिले के बाद विपक्ष द्वारा केंद्र सरकार पर करारा हमला बोला जा रहा है। कांग्रेस सासंस राहुल गांधी ने कहा कि भारत सरकार को यह पता नहीं है कि चीन को कैसे हैंडल करना है। चीन की इन हरकतों को नजरअंदाज करने से भविष्य में एक बड़ी समस्या खड़ी हो सकती है। गौरतलब है कि बीते 20 दिन में ये दूसरी घटना है। चीन ने बीते 6 जुलाई को दलाई लामा के जन्मदिन के मौके पर भी एलएसी में सीमा नियमों को उल्लंघन किया था। चीन ने डेमचोक से तकरीबन 30 किमी दूर दक्षिण पूर्व दिशा में कोयुल के पास डोले टैंगो में घुसपैठ की थई. यहां दलाई लालाम के विरोध में झंडे दिखाये।
भारत और चीन के बीच इन बिंदुओं पर है विवाद
गौरतलब है कि 15 जून 2020 को पूर्वी लद्दाख की गलवान वैली में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। सेना से जुड़े सूत्रों ने बताया था कि चीन ने विवादित जमीन पर कैंप लगा रखा था। बार-बार कहने के बाद भी वे कैंप नहीं हटा रहे थे। ऐसी स्थिति में भारत के सैनिक अपने कमांडर के साथ विवादित जमीन को खाली करवाने गए थे। इसी दरम्यान झड़प हो गई। इस हिसंक झड़प में भारत के 20 सैनिक शहीद हो गए थे। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच पैंगोंग त्सो, डोकलाम, गलवान वैली, डेमचोक और अक्साई चीन में सीमा विवाद है।