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कोरोना काल के बाद देश फिर से आर्थिक विकास की राह पर दौड़ पड़ा-प्रल्‍हाद जोशी

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द फॉलोअप टीम, रांची:

केन्‍द्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने कहा कि कोरोना काल के उपरांत देश फिर से आर्थिक विकास की राह पर दौड़ रहा है। देश की मुख्‍य ऊर्जा संस्‍थान होने के कारण इस रफ्तार को कायम रखना हमारी नैतिक जिम्‍मेदारी है। मुझे पूरा विश्‍वास है कि आप सब इस जिम्‍मेदारियों का निर्वहन पूरी निष्‍ठा से करेंगे। मंत्री रांची दौरा पर थे। सीसीएल, मुख्यालय दरभंगा हाउस में सीसीएल एवं बीसीसीएल के कार्य-निष्‍पादन की समीक्षा बैठक में उन्‍होंने कहा किभारत सरकार एवं कोयला मंत्रालय आपको सभी प्रकार के सहयोग एवं सहायता के लिए तत्‍पर है। मंत्री ने वरिष्‍ठ अधिकारियों से कोयला खनन में आने वाली आधारभूत समस्‍याओं को दूर करने की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया।  बैठक में अपर सचिव, कोयला मंत्रालय, भारत सरकार विनोद कुमार तिवारी, अध्यक्ष कोल इंडिया, प्रमोद अग्रवाल, सयुंक्त सचिव, कोयला मंत्रालय, बी पी पति, सीसीएल एवं बीसीसीएल के सीएमडी  पी.एम. प्रसाद; सीएमडी ईसीएल, पी एस मिश्रा, सीएमडी, सीएमपीडीआई, मनोज कुमार, निदेशक तकनीकी (संचालन), सीसीएल, वी.के. श्रीवास्तव, निदेशक तकीनीकी (योजना/परियोजना),  सीसीएल,  भोला सिंह, निदेशक (कार्मिक), सीसीएल, पी.वी.के.आर. मलिकार्जुन राव, माननीय कोयला मंत्री के निजी सचिव, होन्नारेड्डी एन, ईडी, कोल इंडिया,  एम के सिंह एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

 

बैठक में विशेषकर पावर प्‍लांटों को कोयला आपूर्ति, कोयला उत्पादन सहित अन्‍य मुख्‍य बिन्‍दुओं पर विस्‍तार से चर्चा हुई। सीएमडी पी.एम. प्रसाद ने मंत्री प्रल्‍हाद जोशी एवं अन्‍य अतिथियों का स्वागत किया। पावर प्‍वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्‍यम से कंपनी के कार्यनिष्‍पादन, योजनाओं, उपलब्धियों एवं चुनौतियों के बारे में मंत्री महोदय को विस्‍तार से जानकारी दी।

सीसीएल के पिपरवार क्षेत्र का दौरा

कोयला, खान मंत्री प्रल्‍हाद जोशी ने पिपरवार क्षेत्र के अशोका ओपनकास्ट खदान एवं बचरा रेलवे साइडिंग का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्‍होने 24x7 कोयला उत्पादन में लगे कर्मियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि हमारे कोयला योद्धा देश की उम्मीदों पर खरा उतरेंगें। विदित है कि देशभर के पावर प्‍लांट में कोयले की कमी की खबर के बीच माननीय कोयला मंत्री का यह दौरा अंत्‍यत महत्‍वपूर्ण था। उन्‍होंने न सिर्फ कर्मियों से मिले बल्कि अधिकारियों को युद्ध स्‍तर पर कोयला लक्ष्‍य को पूरा करने के लिए प्रेरित किया।