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स्मृति सभा : रांची प्रेस क्लब में उठा स्वर- कमाल की पत्रकारिता से सीखने की हमेशा रहेगी जरूरत 

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द फॉलोअप टीम, रांची:

मशहूर टीवी पत्रकार कमाल खान की बीते दिन हृदयघात से हुई मौत से समूचा देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में उनके चाहने वाले स्तब्ध रह गए। उनकी बातों, उनकी रिपोर्टिंग और उनकी शख्सियत पर बात करने आज रांची प्रेस क्लब में शहर के पत्रकार जुटे। स्मृति सभा की अध्यक्षता करते हुए क्लब के अध्यक्ष संजय मिश्रा ने शोक संवेदना में कहा कि कमाल खान निष्पक्ष पत्रकारिता के एक मजबूत स्तम्भ थे। उनका समूचा व्यक्तित्व ही प्रेरणा देने वाला था। वरिष्ठ पत्रकार विष्णु राजगढ़िया ने कमाल की पत्रकारीय प्रतिबद्धता और ईमानदारी का स्मरण करते हुए उनके नाम पर फ़ेलोशिप की शुरुआत करने का सुझाव प्रेस क्लब को दिया। जिसपर अध्यक्ष समेत कई लोगों ने सहमति जतलायी।

वरिष्ठ पत्रकार केवी मिश्रा ने कहा कि कमाल के यहां कथनी और करनी का अंतर कभी नहीं रहा। वह ठेठ भारतीय भाषा और संस्कृति के प्रेरक प्रतीक बनकर खड़े मिलते हैं। शहरोज़ क़मर बोले कि न कोई सिलवट, न कोई लुकनत (टोक)। शब्दों की तमीज़ ऐसी कि भाषा भी इठलाती रही। यू ट्यूबर पत्रकारिता ने भाषा के साथ जितना दुर्व्यवहार किया है, टीवी पत्रकारिता में उजली मीनार थे कमाल खान। तू इधर है या उधर के बीच-कमाल हमेशा ख़बर के साथ रहे। क्लब के सचिव जावेद अख्तर ने कहा कि कमाल खान के निधन से स्तब्ध हूं। कमाल खान से निष्पक्ष पत्रकारिता सीखनी चाहिए।

 

पूर्व सचिव अखिलेश सिंह ने कमाल से पढ़ने की संस्कृति और गंगा-जमनी तहज़ीब सीखने पर बल दिया। कार्यकारिणी सदस्य संजय कुमार रंजन ने कहा कि  पत्रकारों के लिए हर साल प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन होना चाहिए जिसपर दूसरे सदस्य परवेज़ कुरैशी ने पत्रकारिता दिवस एवं वर्ल्ड फोटो डे पर कार्यक्रम रखने  की बात कही। सयुंक्त सचिव अभिषेक सिन्हा, दीपक ओझा और इकबाल सबा आदि ने भी अपने विचार रखे। सभा में कोषाध्यक्ष सुशील कुमार सिंह 'मंटू', कार्यकारिणी सदस्य रूपम, माणिक बोस,सुनील कुमार गुप्ता, किसलय शानू, राज वर्मा के अलावा जय शंकर, अक्षय तिवारी, असफर नवाज, एहसानुल हसन और शकील अख्तर समेत कई पत्रकार शामिल हुए। सभी ने कमाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने और दो मिनट के मौन के साथ उन्हें श्रद्धांजलि दी।