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सैलाब की भेंट चढ़ गया कोलझिकि गांव, मकान, रसोई और राशन सब बह गया! ग्रामीणों को इस बात की चिंता

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द फॉलोअप टीम, गढ़वा: 

झारखंड में बीते कुछ दिनों से रूक-रूक कर हो रही बारिश ने कई जिलों में बाढ़ की शक्ल ले ली है। इन तस्वीरों में देखिये। घर डूब गए हैं। खेत में खड़ा ट्रैक्टर सैलाब की भेंट चढ़ चुका है। किसानों में अफरा-तफरी है। गांव में अचानक घुस आए सैलाब ने जैसे सबकुछ तहस नहस कर दिया है। घर में अंदर रखी अनाज की कोठरियां पानी में भींग कर टूट गई है। चावल जमीन पर बिखरा पड़ा है। मकान धंस गए हैं। घर का सामान उधर-उधर फैल गया है। सैलाब सब तहस नहस करता चला गया है। 

रसोई और राशन सब बह गया
क्या रसोई और क्या बैठक...मकान में चारों ओर पानी भर गया है। छोटे-छोटे बच्चे कभी टूटे मकान को निहार रहे हैं तो कभी अपने मां-बाप को। अब वे जाएं तो जाएं कहां। यहां अधिकांश मकान मिट्टी का था....नुकसान भी ज्यादा हुआ है। तस्वीरें गढ़वा जिला अंतर्गत बंशीधर नगर के कोलझिकि गांव की है। मिली जानकारी के मुताबिक गांव के लोग मंगलवार की रात खाना खाने के बाद आराम से सोने चले गए थे। रात भर बारिश होती रही। सुबह देखा तो पानी घर के अंदर घुस आया था। लोग कुछ समझ पाते तब तक कच्चे मकान की दीवारें दरकने लगी। कुछ मकानों का दरवाजा चौखट सहित टूटकर गिर गया। पूरे कोलझिकि गांव में पानी घुस आया है। गांव के तकरीबन सभी लोगों के पास रखा खाने-पीने का सारा सामान पानी में भींग कर खराब हो गया। जलावन और आश्रय का भी इंतजाम नहीं है। 

गांव वालों को सता रही है चिंता
गांव के निचले इलाकों में बने मकान पूरी तरह डूब गए हैं। वहां रह रहे लोगों को ऊंचाई वाले इलाकों में शरण लेनी पड़ी है। धान की नई फसल, जिसकी रोपनी को कुछ ही वक्त बीता है, पूरी तरह से जलमग्न हो चुकी है। मकान तो टूटे ही अच्छी फसल की आस भी टूट गई है। जो चावल और गेहूं घरों में रखा था वो भी सैलाब की भेंट चढ़ गया। प्रखंड मुख्यालय से गांव को जोड़ने वाली एकमात्र कच्ची सड़क भी बाढ़ का शिकार बनी है। कई जगह से सड़क भी बह गई है। छोटी-मोटी पुल पुलिया बह गई है। अभी भी बारिश की संभावना है ऐसे में गांव वालों को चिंता सता रही है कि मकान टूट चुके हैं। फसल डूब चुकी है। राशन बह गया। जलावन का कोई सामान नहीं बचा। यदि बारिश बदस्तूर जारी रही तो उनका क्या होगा।