logo

10 मिनट में वृद्धा पेंशन स्वीकृत होते ही बीडीओ से बोला बुजुर्ग, काश सभी अधिकारी आपके जैसे होते!

6931news.jpg
द फॉलोअप टीम, रांची: 
सरकारी सिस्टम की लापरवाही और लेटलतीफी की खबर तो आप हर दिन पढ़ते और सुनते होंगे, लेकिन आज जो खबर हम आपको दे रहे हैं यह आपके अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करेगी। आपको यह एहसास दिलाएगी कि अभी भी कुछ सरकारी अधिकारी हैं, जो जनता के लिए समर्पित हैं। खबर है रांची के ओरमांझी ब्लॉक की। खबर की वजह हैं ओरमांझी ब्लॉक के बीडीओ कुमार अभिनव। दरअसल हाल के दिनों में उनके द्वारा किये गए काम की चर्चा हर ओर होती रही है। लेकिन शनिवार को जब एक बुजुर्ग के हाथ में 10 मिनट के अंदर वृद्धा पेंशन की स्वीकृति का पत्र मिला, तो उसके मुँह से बेबस ही यह निकल पड़ा कि काश सभी अधिकारी आपके जैसे होते। 

सिर पर गमछा लपेटे जब ब्लॉक पहुंचे 63 साल के छेदी पाहन
शनिवार को ओरमांझी ब्लॉक में सिरी गांव के रहने वाले 63 साल के बुजुर्ग छेदी पाहन पहुंचे। सिर पर गमछा लपेटे छेदी के हाथ में वृद्धा पेंशन का आवेदन था। जब ओरमांझी के बीडीओ की नजर छेदी पाहन पर पड़ी तो उन्होंने आवेदन लेकर पहले पढ़ा उसके बाद छेदी के बारे में जानकारी इकट्ठा की। छेदी ने बीडीओ को बताया कि वह एक सीजनल मजदूर है, उसके दो पत्नी से तीन संतान हैं। सभी मजदूरी का काम करते हैं। छेदी ने बताया कि यहाँ आने से पहले गांव वाले तरह-तरह की बातें कर रहे थे। बोल रहे थे पेंशन चालू होने में बहुत महीना लगता है। लेकिन जैसे ही बीडीओ साहब ने 10 मिनट के अंदर वृद्धा पेंशन स्वीकृति का पत्र छेदी के हाथ में दिया वह कुर्सी से खड़ा हो गए. उन्होंने कहा कि काश सभी अधिकारी आपके जैसा होता। काश सबका काम इतनी जल्दी हो जाता। मुस्कुराते हुए छेदी ने बताया कि पेंशन की राशि से उसे बहुत मदद मिलेगी। तेल-साबुन के साथ-साथ दवा सब खरीद लेंगे। 

हर दिन ब्लॉक कार्यालय में सुबह होती है प्रार्थना
ओरमांझी के रहने वाले दिनेश महतो ने बताया कि जब से कुमार अभिनव बीडीओ बने हैं, तबसे पूरे इलाके का माहौल बदल गया है। हर दिन सभी कर्मी समय पर आते हैं। ब्लॉक कार्यालय में हर दिन सुबह "इतनी शक्ति हमें देना दाता मन का विश्वास कम न हो" जैसी प्रार्थना की जाती है।

छुट्टी के दिन ब्लॉक कार्यालय परिसर में खुद से करते हैं सफाई 
आसपास के लोगों ने बताया कि बीडीओ कुमार अभिनव को अक्सर देखा गया है कि वह खुद से परिसर की सफाई भी करते हैं. कुमार अभिनव ने द फॉलोअप को बताया कि कई बार छुट्टी के दिन जब मॉर्निंग वाक् से लौटता हूँ और देखता हूँ कि गन्दगी है तो साफ़ कर देता हूँ क्योंकि मैं अपने कर्म स्थल को अपने घर से कम नहीं मानता। कुमार ने बताया कि कई बार तो मुझे साफ़ - सफाई करते देख कई और लोग भी सफाई करने जुट जाते हैं.