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झारखंड में खुलेगी पहली ओपन यूनिवर्सिटी, कामकाजी गृहणियों से लेकर इस वर्ग तक को फायदा

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द फॉलोअप टीम, रांचीः 

जो लोग अधिक शिक्षा ग्रहण करना चाह रहे हैं लेकिन कामकाज में व्यस्त होने की वजह से वह अपनी पढ़ाई को पूरा नही कर पा रहे हैं तो उनके लिए अच्छी खबर है। अब राज्य में ओपेन यूनिवर्सिटिी की शुरूआत होने वाली है। वर्तमान सरकार राजधानी रांची में पहला ओपेन यूनिवर्सिटिी खोलने जा रही है। राज्यपाल की सहमति के बाद झारखंड राज्य ओपन विश्विविद्यालय अधिनियम, 2021 गठित की गयी है। इस अधिनियम के जरिये सरकार ऐसे व्यक्तियों को शिक्षा का अवसर प्रदान करना चाहती है जो औपचारिक शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ हैं।  

राज्यपाल विवि के कुलाधिपति होंगे
ओपेन यूनिवर्सिटी से डिग्री,डिप्लोमा एवं प्रमाण पत्र पाठ्यक्रम चलाया जायेगा । संवर्द्धन व शोध,प्रसार आदि का काम भी किया जायेगा। ऑनलाइन शैक्षणिक सामाग्रियां दी जायेगी। झारखंड के राज्यपाल विवि के कुलाधिपति होंगे। इसके अलावा विवि में कुलपति, कुलसचिव, वित्त विभाग सहित अन्य पद होंगे। कर्मियों की भी नियुक्ति की जायेगी। कुलपति की नियुक्ति प्रभार ग्रहण करने की तिथि से तीन वर्षो की अवधि तक होगी,यह अवधि समाप्त होने के बाद दूसरे कार्यकाल के लिए अधिकतम 3 साल और रखा जा सकेगा। 

इन निकायों में ले सकेंगे नामंकन 
विवि का क्षेत्राधिकार संचार के किसी भी माध्यम जैसे प्रसारण, टेलीकॉस्टिंग, पत्राचार ,सेमिनार, परामर्श,कक्षाएं, ऑनलाइन कक्षाएं या ऐसे किसी भी 2 या अधिक साधनों के संयोजन के जरिये निर्देश और प्रशिक्षण के प्रयोजनार्थ विश्वविद्यालय की अधिकारिता उन विवि, विभागों, महाविद्यालय और संस्थानों तथा अन्य निकायों पर नहीं होगी जो किसी विधा-शाखा में औपचारिक शिक्षा देने के लिए झारखंड में स्थापित किए गये हैं। दूसरे कॉलजों,शिक्षण संस्थानों के भवन का भी उपयोग किया जा सकेगा। विवि संचार प्रौद्योगिकी को भी बढ़ावा देगा। पाठ्यक्रम,परीक्षा,शिक्षण देने के लिए शिक्षण सामाग्रियों को तैयार करने आदि काम भी विवि करेगा। 

दूरस्थ शिक्षा कार्यक्रम को बंद कर देगा
विश्वविद्यालय का मुख्यालय रांची में होने के साथ यह अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर ऐसे अन्य स्थानों पर जो ठीक समझे, क्षेत्रिय केंद्र और अध्ययन केंद्र स्थापित कर सकेगा। खास बात यह है कि जैसे ही यह विद्यालय स्थापित होगा तो किसी भी अन्य विश्वविद्यालय जिसका मुख्यालय झारखंड से बाहर स्थित है, इस अधिनियम के प्रारंभ होने की तिथि से एक वर्ष के अवधि के भीतर झारखंड राज्य में खुली और दूरस्थ शिक्षा प्रणाली के माध्यम से संचालित अपने दूरस्थथ शिक्षा कार्यक्रम को बंद कर देगा,ऐसा नहीं करने में विफल रहने पर विश्वविद्यालयों द्वारा उक्त कार्यक्रम की निरंतरता को अनाधिकृत कर दिया जायेगा।

अध्ययन के लिए ये विद्यालय होंगे
मानिविकी विद्यापीठ, सामाजिक विज्ञान विद्यापीठ, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विद्यापीठ, शिक्षा विद्यापीठ, सतत और विस्तार शिक्षा विद्यापीठ, व्यवसास और प्रबंधन अध्ययन विद्यापीठ, स्वास्थ्य देखभाल अध्ययन विद्यापीठ, कंप्यूटर और सूचना विज्ञान विद्यापीठ, कृषि विज्ञान विद्यापीठ, जनजातीय अध्ययन विद्यापीठ, पर्यटन् और आतिथ्य सेवा प्रबंधन विद्यापीठ,व्यवसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण विद्यापीठ, सामाजिक कार्य विद्यापीठ, स्कूल ऑफ जेंडर एंड डेवलपमेंट स्टडीज, सरकार की स्वीकति से अन्य विद्यापीठ भी स्थापित किए जा सकेंगे.