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पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा- 48 घंटे में आवंटित कमरे का फैसला वापस लें, नहीं तो धरने पर बैठूंगा

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द फॉलोअप टीम, रांची:

विधानसभा परिसर में विपक्ष आज कीर्तन करती दिखी। बीजेपी विधायक मांग कर रहे हैं कि विधानसभा में नमाज पढ़ने के लिए जो कमरा आवंटित किया गया है सरकार उस फैसले को या तो वापस ले या हिन्दुओं को भी मंदिर बनाने के लिए जगह दे।  इसी विरोध के बीच पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने नमाज के लिए अलग कमरा आवंटन का निर्णय वापस लेने का आग्रह किया है। 

स्पीकर से आदेश वापस लेने की मांग
पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर कहा है कि ये निर्णय वापस लिया जाए। अगर ये संविधान विरोधी निर्णय 48 घंटे में वापस नहीं ली गई तो वह विधानसभा के मुख्य द्वार पर धरना करेंगे। रघुवर दास ने कहा कि यदि अध्यक्ष जी ने किसी दबाव, प्रभाव में आकर यह आदेश दिया है तो उसे वापस लें। सभा सचिवालय द्वारा निर्गत पत्र (ज्ञापांक 1552 दिनांक 02.09.2021) को तत्काल प्रभाव से निरस्त करने का आदेश दें। इससे संवैधानिक मूल्यों और पंथ निरपेक्षता की रक्षा होगी। साथ ही अध्यक्ष पद की गरिमा भी रक्षित होगी।

क्या न्यायोचित है यह निर्णय 
रघुवर दास ने कहा "किसी व्यक्ति विशेष का अपने पंथ और धर्म के अनुसार प्रार्थना करना उनकी व्यक्तिगत और धार्मिक निष्ठा से जुड़ा हुआ है।  इस विषय पर किसी को कोई आपत्ति नहीं हो सकती है। मुझे भी नहीं है। किंतु क्या कोई ऐसा पवित्र स्थल जहां संविधान की शपथ लेने वाले विधि विधान बनाए जाते हैं, संविधान की मूल भावना पथ निरपेक्षता को आत्मसात करने वाले माननीय सदस्यों या नागरिकों के साथ भेदभाव करने की इजाजत देता है? क्या ऐसे स्थल पर किसी धर्म विशेष के लिए कोई पृथक व्यवस्था या विशेषाधिकार देनी न्यायोचित या संवैधानिक है?