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नमाज के लिए कमरा आवंटन पर हो पुनर्विचार, झामुमो के मुस्लिम विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने रखा प्रस्ताव

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द फॉलोअप टीम, रांची: 

झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आखिरी दिन भी हंगामेदार रहा। बीजेपी विधायक नमाज के लिए कमरा आवंटन के फैसले और बुधवार को बीजेपी नेताओं पर हुई लाठीचार्ज के मुद्दे को लेकर विधानसभा परिसर में धरने पर भी बैठे। सदन के अंदर पर इस मुद्दे पर शोरगुल होता रहा। इस शोरगुल के बीच गांडेय विधानसभा सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा के मुस्लिम विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने सदन में एक प्रस्ताव रखा और कमरा आवंटन के फैसले पर पुनर्विचार की मांग की। 

डॉ. सरफराज अहमद ने रखा प्रस्ताव
गौरतलब है कि सदन में गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने एक प्रस्ताव रखा। उन्होंने स्पीकर से मांग की है कि नमाज के लिए कमरा आवंटन के फैसले पर पुनर्विचार के लिए एक समिति का गठन किया जाए। ये कमिटी 1-2 सप्ताह में रिपोर्ट देगी कि नमाज के लिए कमरा आवंटन का फैसला सही या या नहीं। डॉ. सरफराज अहमद ने कहा कि सदन के बाहर और भीतर लगातार शोरगुल हो रहा है। सदन की कार्यवाही बाधित हो रही है। इससे बेहतर है कि कमिटी का गठन कर फैसले पर पुनर्विचार किया जाये। डॉ. सरफराज अहमद के इस प्रस्ताव पर मांडर विधायक बंधु तिर्की ने भी सहमति जताई और इसका समर्थन किया। डॉ. सरफराज अहमद ने बीजेपी पर निशाना भी साधा। 

स्पीकर ने प्रस्ताव पर सहमति जताई
मिली जानकारी के मुताबिक स्पीकर रविंद्रनाथ महतो ने भी गांडेय विधायक की मांग पर सहमति जताई। उन्होंने कहा कि यदि पूरा सदन इस बात पर सहमत होगा तो दूसरी पाली में मैं एक कमिटी का गठन करने का फैसला लूंगा। रविंद्रनाथ महतो ने कहा कि ये कमिटी 1 से 2 सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर मामले पर पुनर्विचार किया जायेगा। 

बाबूलाल और प्रदीप यादव में हुई बहस
गांडेय विधायक डॉ. सरफराज अहमद ने कहा कि बाबूलाल मरांडी झारखंड के पहले मुख्यमंत्री रहे हैं। उनके कार्यकाल में भी नमाज के लिए कमरा आवंटित किया गया था। हैरानी की बात है कि अब बाबूलाल कमरा आवंटन के फैसले को मुद्दा बना रहे हैं। इसके जवाब में बाबूलाल मरांडी ने कहा कि भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है ना कि धार्मिक। मेरे कार्यकाल में कभी भी ऐसा फैसला नहीं लिया गया था। कमरा आवंटन को लेकर मुझ पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं। बाबूलाल की बात पर पलटवार करते हुए पौड़ेयाहाट से कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने कहा कि एक मुस्लिम विधायक पुनर्विचार की बात कह रहा है ये सहिष्णुता है। प्रदीप यादव ने कहा कि कौवा मोर बन रहा है। जिन लोगों ने अपने कार्यकाल में नमाज के लिए कमरा दिया, वही लोग अब पीछे हट रह हैं। ये दोहरी नीति नहीं चलेगी। 

भानुप्रताप शाही ने बीजेपी का दवाब बताया
इस पूरे मामले को लेकर बीजेपी विधायक भानुप्रताप शाही ने कहा कि डॉ. सरफराज अहमद जो भी कह रहे हैं वो भारतीय जनता पार्टी के दवाब का असर है। बीजेपी ने मुखर होकर अपनी बात रखी है। गौरतलब है कि 2 सितंबर को विधानसभा सचिवालय की तरफ से पत्र जारी किया गया था जिसमें कहा गया का नए विधानसभा भवन का एक कमरा अल्पसंख्यक विधायकों को नमाज पढ़ने के लिए आवंटित किया गया था। बीजेपी लगातार इसका विरोध कर रही है।