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प्यास से हुई बच्ची की मौत, सरकार पर उठे सवाल

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द फॉलोअप टीम, जालौर:
इन दिनों एक घटना काफी चर्चे में है जिसमें एक बच्ची की प्यास से मौत हो गयी थी। दरअसल यहां एक बुजुर्ग महिला सुखीदेवी अपनी छह साल की नातिन के साथ अपने मायके से निकली थी और पैदल ही अपने गांव वापस जा रही थी। गर्मी काफी ज्यादा थी और धूप भी काफी तेज। सुखी देवी के मायके से उसके गांव की दूरी करीब 15 किलोमीटर की थी।  40 डिग्री सेल्सियस की गर्मी में दोनों को प्यास लग गयी। दोनों ने आस पास काफी ढूंढा लेकिन पानी नहीं मिला। दोनों जिस रेतीला कच्चा रास्ते से जा रही थीं वहां पानी की कोई व्यवस्था नहीं थी। इसलिए दोनों थक कर बैठ गयी। 

महिला बेहोश हो गयी। 
जब दोनों थक कर कहीं आराम आकर रही थी। उसी दौरान वृद्ध महिला बेहोश हो गई और बच्ची ने प्यास से दम तोड़ दिया। जब वहां से एक व्यक्ति गुजर रहा था तो उसकी नजर उन दोनों पर पड़ी। उस व्यक्ति ने सूरजवाड़ा के सरपंच कृष्ण कुमार पुरोहित को फोन किया।  सरपंच गांव पुलिस को लेकर मौके पर पहुंचे महिला को पानी पिलाया।  लेकिन बच्ची की जान जा चुकी थी। 

सरकार पर उठे सवाल 
इस घटना के बाद लोगों ने और विपक्ष ने सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। राजस्थान में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने अशोक गहलोत सरकार पर निशाना साधा।  उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद भी राज्य में लोगों को पीने का पानी तक सरकार मुहैया नहीं करा सकी है। वहीं राज्य के कैबिनेट मिनिस्टर प्रताप सिंह ने कहा कि संभवतः महिला और बच्ची रास्ता भटक गए होंगे। तभी वो ऐसे रास्ते पर पहुंच गए, जो रेतीला था और जहां पानी उपलब्ध नहीं था।