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झारखंड आंदोलनकारियों को कैसे कोई नज़र अंदाज कर सकता है: हेमंत सोरेन

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द फॉलोअप टीम, रांची: 
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा, जिस सपने के साथ झारखण्ड आंदोलन में लोगों ने सक्रिय भागीदारी निभाई थी, आज आखिर कोई राज्य उसे कैसे नज़रअंदाज कर सकता है। अपने आंदोलनकारियों के त्याग और बलिदान से अस्तित्व में आया कोई राज्य कैसे उन्हें 20 वर्षों तक भूल कर आगे बढ़ सकता है। आज,  इस माध्यम से मुझे बाबा के सहयोगियों एवं उनके साथियों को सम्मानित करने का मौका मिला है और यह मेरे लिए गौरव की बात है। यह सम्मान झारखण्ड द्वारा आंदोलनकारियों को नहीं बल्कि झारखण्ड राज्य का सम्मान है। हम हैं क्योंकि उन्होंने हमारे कल के लिए अपने आज को हमेशा-हमेशा के लिए कुर्बान कर दिया।

कैबिनेट बैठक में हुए भावुक हेमंत
सीएम कैबिनेट की बैठक में इतना कहते हुए भावुक हो गए। बैठक में आंदोलनकारियों/ आंदोलनकारियों के परिवार के एक सदस्य को तृतीय एवं चतुर्थ वर्ग की सरकारी नौकरियों देने का फैसला लिया गया। सीधी भर्ती के लिए रिटायर्ड भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन भी किया जायेगा। 

7000 तक का मासिक पेंशन भी
शहीद आंदोलनकारियों के आश्रितों को सरकारी नौकरियों में सीधी भर्ती दी जाएगी। साथ ही, पुलिस की गोली से घायल 40% तक दिव्यांग हुए आंदोलनकारियों के परिवार के एक सदस्य को भी इसका लाभ दिया जाएगा। सरकार शहीद परिवार के एक सदस्य को 7000 तक का मासिक पेंशन भी देगी।  इसके अतिरिक्त पुलिस की गोली से 40% तक दिव्यांग हुए शहीद के आश्रितों को भी पेंशन दिया जाएगा।