logo

हाथरस कांड : पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दुष्कर्म की पुष्टि नहीं, अब फॉरेंसिक जांच का करना होगा इंतजार

1572news.jpg
द फॉलोअप टीम, हाथरस: 
हाथरस गैंगरेप की घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। देश भर में योगी सरकार की किरकिरी हो रही है। लेकिन अभी जो खबर मिल रही है, वो स्तब्ध कर देनेवाली है। दरिंदों को बचाने का इंतजाम कर लिया गया है।पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है, जिसमें रेप की पुष्टि ही नहीं हुई है। अब समझ में आया कि प्रशासन और सरकार को मध्य रात्रि में बगैर परिवार को लाश सौंपे पुलिस ने क्यों दाह संस्कार किया। अब दरिंदों को बचने का रास्ता दिखा दिया गया है।

हड्डी टूटने से हुई मौत
हैवानियत की शिकार युवती ने दम तोड़ने से पहले पुलिस के सामने अपना बयान दिया था जिसके आधार पर पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ गैंगरेप की धारा लगा कर एफआईआर दर्ज की थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट में आरोपियों पर रेप का आरोप नहीं लग पाएगा, इसका फायदा उन्हें जरूर मिल गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में युवती की मौत की वजह गले की हड्डी टूटना से हुई बताई गई है। 

अब फॉरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार है
मामले की छानबीन में जुटे हाथरस जिले के एसपी ने इस बात की पुष्टि कि है कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में बलात्कार किए जाने की पुष्टि नहीं हुई है। जिस कारण अब वे लोग फरेंसिक जांच रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीड़िता को अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। वहां की मेडिकल रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर चोटों के निशान का उल्लेख किया गया है लेकिन जबरन सेक्सुअल इंटरकोर्स की पुष्टि नहीं हुई है।

मौक का फायदा उठा कर रहे है राजनीति
हाथरस घटना पर राजनीति भी शुरू हो गई है।समाजवादी पार्टी की यूपी छात्र सभा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल प्रधान ने दावा किया है कि पीड़िता का शव जलाने में पुलिस ने थिनर का प्रयोग किया है। वह आज सुबह घटनास्थल पर मौजूद थे। उनका कहना है उन्हें चिता के पास से जो कैन मिली है, वह थिनर की है। उनको पीड़िता के घर जाने से रोक दिया गया तो वो सीबीआई जांच की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए।