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फिर बढ़ी लालू यादव की मुश्किलें, 13 अगस्त से हर दिन होगी चारा घोटाले मामले पर सुनवाई 

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द फॉलोअप टीम, रांची:

आजेडी सुप्रीमो लालू यादव की मुश्किलें फिर बढ़ गयी हैं। शुक्रवार से चारा घोटाले मामले में लगातार सुनवाई शुरू हो जाएगी। दरअसल चारा घोटाले मामले से जुड़े 79 आरोपियों ने न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में आवेदन दिया था। यह आवेदन चारा घोटाले से जुड़ा सबसे बड़ा मामला आरसी-47 ए/ 96 के ऊपर था। आवेदन में कहा गया था कि फिजिकल कोर्ट होने तक उन्हें बहस के लिए समय दिया जाये़। इस मामले में अदालत में बुधवार को सुनवाई भी हुई़, जहां याचिका को खारिज कर दिया गया और आदेश दिया गया कि 13 अगस्त से हर दिन सुनवाई होगी। यह जानकारी वरीय विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने दी़ है। 

दोनों मोड में सुनवाई हो सकती है 

कोर्ट ने कहा है कि बचाव पक्ष दोनों मोड, फिजिकल और वर्चुअल में बहस कर सकते हैं।  फिजिकल सुनवाई कोरोना प्रोटोकॉल के तहत सिर्फ केवल पांच लोगों के बीच होगा। बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा है कि उन्हें दस्तावेज देखने का समय नहीं मिला है, इसलिए दिक्कत हो रही है। इस पर अदालत ने कहा कि उनकी अनुमति से कोई भी दस्तावेज कोर्ट में आकर देख सकते हैं। फिर बचाव पक्ष के वकीलों ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर काफी घातक है, इस पर अदालत ने कहा कि जब न्यायाधीश और कोर्ट स्टाफ जान जोखिम में डाल कर कोर्ट आ सकते हैं, तो आप बहस करने क्यों नहीं आ सकते।  बहस के दौरान बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजकुमार सहाय, एके कंठ, अखिलेख सिन्हा व आरआर राय ऑनलाइन जुड़े थे़। 110 आरोपियों के और से होगी बहस 

110 आरोपियों के और से होगी बहस 

अभियोजन की तरफ से सात अगस्त को बहस पूरी कर ली गयी थी़।  575 गवाहों का बयान लिया गया था़। बचाव पक्ष की तरफ से 110 आरोपियों की ओर से बहस की जानी है़। मामला डोरंडा कोषागार से 1990 से 1995 के बीच 139.35 करोड़  की अवैध निकासी का है। इसमें लालू प्रसाद, जगदीश शर्मा, ध्रुव भगत, पूर्व विधायक डॉ आरके राणा, अधिकारियों में पशुपालन विभाग के अधिकारी फूलचंद सिंह, वित्त सचिव बैक जुलियस, संयुक्त सचिव केएम प्रसाद सहित कई अधिकारी सहित 110 आरोपी शामिल हैं। 

केस का निपटारा जल्दी होना जरूरी

बचाव पक्ष की ओर से दायर अर्जी पर सुनवाई  के दौरान CBI के विशेष लोक अभियोजक बीएमपी सिंह ने कहा- 'यह बहुत पुराना केस है। इसमें काफी संख्या में लोग जुड़े हैं। हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक ऐसे केस को जल्द से जल्द निष्पादन करने को कह रहा है। इसलिए इसे टाला नहीं जाए।'